यदि एक लम्बी स्प्रिंग को $0.02 \,m$ खींचा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा $U$ हो जाती है। यदि इसे $0.1\, m $ तक खींचा जाये तो स्थितिज ऊर्जा होगी
$\frac{U}{5}$
$U$
$5U$
$25U$
एक $0.5\,kg$ का ब्लॉक $12\,ms ^{-1}$ की चाल से गतिशील है तथा यह एक स्प्रिंग को $30\,cm$ की दूरी से संकुचित करता है, जब इसकी गति आधी हो जाती है, तो स्प्रिंग का स्प्रिंग नियतांक $Nm ^{-1}$ में ज्ञात कीजिये।
$A$ व $B$, $m$ द्रव्यमान के एकसमान गुटके हैं। ये दोनों एक घर्षण-हीन तल पर एक स्प्रिंग द्वारा जोड़कर रखे हैं। स्प्रिंग की सामान्य लम्बाई $L$ एवं बल नियतांक $K$ है। प्रारम्भ में स्प्रिंग सामान्य अवस्था में है। अब एक अन्य सर्वसम गुटका $C$ (द्रव्यमान$-m$) $v$ वेग से $A$ व $B$ को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश $A$ से टकराता है। स्प्रिंग में उत्पन्न अधिकतम संपीड़न है
किसी स्प्रिंग को $‘S’$ दूरी तक खींचने पर स्थितिज ऊर्जा $10$ जूल है। इस स्प्रिंग को $‘S’$ दूरी तक और खींचने के लिए आवश्यक कार्य (जूल में) है
नीचे दिये चित्र में एक $m$ द्रव्यमान का द्रव्यपिंड एक घर्षण रहित आनत तल पर $H$ ऊंचाई से विश्राम की अवस्था से सर्पण करना प्रारन्भ करता है। यह द्रव्यपिंड जिसका गतिज घर्षण गुणांक $\mu$ है, पर $d$ दूरी तय करने के बाद एक कमानी (जिसका कमानी स्थिरांक $k$ है) को क्षण भर रुकने से पहले $x$ दूरी तक दबाता है। जब कमानी फैलती है तब पिंड पुनः लौटते हुए $h$ ऊंचाई तक जाता है। तब
स्प्रिंग तुला के लिये भार तथा पाठ्यांक के बीच ग्राफ दर्शाया गया है। स्प्रिंग का बल नियतांक....... किग्रा/सेमी होगा