यदि पृथ्वी का घनत्व $4$ गुना बढ़ा दें तथा इसकी त्रिज्या आधी कर दें, तो हमारा भार हो जायेगा
चार गुना
दुगुना
अपरिवर्तित रहेगा
आधा हो जायेगा
$g \propto \rho \,R$
पृथ्वी की सतह से $10 \,km$ की ऊंचाई पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी की सतह के नीचे किसी विशेष गहराई पर इसके मान के बराबर है. यदि पृथ्वी का द्रव्यमान घनत्व एक समान है, तो पृथ्वी की सतह से यह गहराई ………. $km$ है?
पृथ्वी की सतह से ऊँचाई $h$ पर एक पिण्ड का भार उतना ही है जितना सतह से उतनी ही गहराई $h$ पर । $h$ का मान है।
$( R =$ पृथ्वी की त्रिज्या, पृथ्वी के घूर्णन का भार पर प्रभाव नगण्य मानें) :
यदि पृथ्वी की त्रिज्या $\mathrm{R}$ तथा पृथ्वी तल पर गुरूत्वीय त्वरण $\mathrm{g}=\pi^2 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ हो तब पृथ्वी तल से $\mathrm{h}=2 \mathrm{R}$ ऊँचाई पर सेकंड लोलक की लम्बाई होगी :
पृथ्वी का उसकी अक्ष के परित: कोणीय वेग क्या होना चाहिए ताकि भूमध्य रेखा पर किसी व्यक्ति का भार $\frac{3}{5}$ गुना हो जाये। भूमध्य रेखा पर पृथ्वी की त्रिज्या $6400$ किलोमीटर है
पृथ्वी को एक समान गोला मान लिया जाये। एक वैज्ञानिक $‘A’$ खान में सतह से बहुत भीतर जाता है तथा दूसरा वैज्ञानिक $‘ B’$ गुब्बारे में बहुत ऊपर जाता है। $g$ की माप
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