यदि संवेग $( P )$, क्षेत्रफल $( A )$ तथा समय $( T )$ को मूल इकाई माना जाये तो ऊर्जा की विमाएँ होगी?
$\left[ PA ^{-1} T ^{-2}\right]$
$\left[ PA ^{1 / 2} T ^{-1}\right]$
$\left[ P ^{2} AT ^{-2}\right]$
$\left[ P ^{1 / 2} AT ^{-1}\right]$
राशि $(L/RCV)$ की विमा है
सूची $I$ का सूची $II$ के साथ मिलान करें।
सूची-$I$ | सूची-$II$ |
$A$ बल आघूर्ण | $I$ $\mathrm{ML}^{-2} \mathrm{~T}^{-2}$ |
$B$ प्रतिबल | $II$ $\mathrm{ML}^{-2} \mathrm{~T}^{-2}$ |
$C$ दाब प्रवणता | $III$ $\mathrm{ML}^{-1} \mathrm{~T}^{-1}$ |
$D$ श्यानता गुणांक | $IV$ $\mathrm{ML}^{-1} \mathrm{~T}^{-2}$ |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिये।
किसी कण की समय $t$ पर स्थिति निम्न प्रकार दी गयी है $x(t) = \left( {\frac{{{v_0}}}{\alpha }} \right)\;(1 - {c^{ - \alpha \,t}})$, जहाँ ${v_0}$ एक नियतांक तथा $\alpha > 0,$ ${v_0}$ व $\alpha $ की विमायें क्रमश: हैं
यदि बल [F], त्वरण [A] तथा समय [T] को मुख्य भौतिक राशियाँ मान लिया जाए, तो ऊर्जा की विमा ज्ञात कीजिए।
एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है