दाब $(P)$, आयतन $(V)$ तथा समय $(T)$ को मूल राशियाँ मानने पर बल का विमीय सूत्र होगा
$P{V^2}{T^2}$
${P^{ - 1}}{V^2}{T^{ - 2}}$
$PV{T^2}$
${P^{ - 1}}V{T^2}$
किसी प्ररूपी दहन इंजन में किसी गैस के अणु द्वारा किए गए कार्य को $W =\alpha^{2} \beta e ^{\frac{-\beta x ^{2}}{ kT }}$ द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ $x$ विस्थापन, $k$ बोल्ट्जमान नियतांक तथा $T$ ताप है। यदि $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं, तो $\alpha$ की विमाएँ होगी।
दिये गये सम्बन्ध $y = a\cos (\omega t - kx)$ में $k$ का विमीय सूत्र है
कोई बल $F = at + b{t^2}$से प्रदर्शित किया जाता है, जहाँ $t$ समय है $a$ व $b$ की विमायें होगी
यदि $a$ त्रिज्या का एक गोला $v$ चाल से $\eta$ श्यानता नियताकं के एक द्रव में चलता है, तो स्टोक के नियमानुसार (Stoke's Law) उस पर $F$ श्यानता बल लगता है, जिसे निम्न समीकरण से दिखाया गया है : $F=6 \pi \eta a v$ यदि यह द्रव एक बेलनाकार नली, जिसकी त्रिज्या $r$, लंबाई 1 , एवं दोनों सिरों पर दाबांतर $P$ है, के अंदर बह रहा है, तब जल का $t$ समय में बहा हुआ आयतन निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है:
$\stackrel{v}{t}=k\left(\frac{p}{l}\right)^a \eta^b r^c \text {, }$
जहाँ $k$ एक विमाहीन स्थिरांक है । $a, b$ एवं $c$ के सही मान निम्नलिखित हैं:
राशियाँ $A$ और $B$ सूत्र $m = A/B$ से सम्बन्धित हैं। यहाँ पर $m = $ रैखिक घनत्व तथा $A$ बल को प्रदर्शित कर रहा है। $B$ की विमायें होंगी