यदि एक गोलीय चालक की धारिता $1$ पिको-फैरड है, तो इसका व्यास होगा
$1.8 \times {10^{ - 3}}\,m$
$18 \times {10^{ - 3}}\,m$
$1.8 \times {10^{ - 5}}\,m$
$18 \times {10^{ - 7}}\,m$
$1$ मीटर त्रिज्या वाले धातु के गोले की धारिता के समान धारिता वाले $40$ मिमी व्यास वाले समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी ......मिमी होगी
दो एकसमान धातु प्लेटों पर क्रमश: धन आवेश ${Q_1}$, ${Q_2}$, ${Q_3}$ व ${Q_4}$ दिये गये हैं। अब यदि इन प्लेटों को पास लाकर $C$ धारिता का समान्तर पट्टिका संधारित्र बनाया जाता है, तब प्लेटों के बीच विभवान्तर होगा
समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता निर्भर करती है
धातु के दो आवेशित गोले जिनकी त्रिज्याएँ क्रमश: $20$ सेमी तथा $10$ सेमी हैं, प्रत्येक पर $150$ माइक्रो कूलॉम का धनावेश है। किसी चालक तार द्वारा दोनों गोलों को जोड़ दिए जाने के पश्चात् उभयनिष्ठ विभव होगा
एक समान्तर-पट्ट संधारित्र की धारिता $12\,\mu \,F$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी दोगुनी एवं इनका क्षेत्रफल आधा कर दिया जाये जो नई धारिता ........$\mu \,F$ होगी