यदि दीर्घवृत्त की नाभियाँ तथा शीर्ष क्रमश: $( \pm 1,\;0)$ तथा $( \pm 2,\;0)$ हों, तो उसका लघु अक्ष है
$2\sqrt 5 $
$2$
$4$
$2\sqrt 3 $
यदि एक दीर्घवृत्त के दीर्घ अक्ष की लम्बाई, इसके लघु अक्ष की लम्बाई की तिगुनी है, तो इसकी उत्केन्द्रता होगी
यदि अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ की द्विगुणित कोटि $PQ$ ,इस प्रकार है कि $OPQ$ एक समबाहु त्रिभुज है, जबकि $O$ अतिपरवलय का केन्द्र है, तब अतिपरवलय की उत्केन्द्रता $e$ संतुष्ट करती है
बिन्दु $(h, 0)$ से गुजरने वाली ऊर्र्वाधर रेखा दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{4}+\frac{y^2}{3}=1$ को बिन्दुओं $P$ तथा $Q$ पर काटती है। माना कि बिन्दुओं $P$ तथा $Q$ पर दीर्घवृत्त की स्पर्श रेखाएँ बिन्दु $R$ पर मिलती है। यदि $\Delta(h)=$ त्रिभुज $P Q R$ का क्षेत्रफल $\Delta_1=\max _{1 / 2 \leq h \leq 1} \Delta(h)$ और $\Delta_2=\min _{1 / 2 \leq h \leq 1} \Delta(h)$ है, तब $\frac{8}{\sqrt{5}} \Delta_1-8 \Delta_2=$
माना दीर्घवृत्त $\frac{ x ^2}{2}+\frac{ y ^2}{4}=1$ के बिंदुओं $P$ तथा $Q$ पर स्पर्श रेखाएँ बिंदु $R (\sqrt{2}, 2 \sqrt{2}-2)$ पर मिलती हैं। यदि दार्घवृत्त के ॠणात्मक दीर्घ अक्ष पर नाभि $S$ है, तो $SP ^2+ SQ ^2$ बराबर है
$\frac{|x|}{2}+\frac{|y|}{3}=1$ के बाहर और दीर्घवृत्त $\frac{x^{2}}{4}+\frac{y^{2}}{9}=1$ के अंदर के क्षेत्र का क्षेत्रफल (वर्ग इकाई में) है