यदि किसी द्रव की बूँद के कम्पन का आवर्तकाल $(T)$, बूंद के पृष्ठ-तनाव $(S)$, त्रिज्या $(r)$ एवं घनत्व $(\rho )$ पर निर्भर करता हो तो आवर्तकाल $(T)$ का व्यंजक है
$T = k\sqrt {\frac{{\rho {r^3}}}{S}} $
$T = k\sqrt {\frac{{{\rho ^{1/2}}{r^3}}}{S}} $
$T = k\sqrt {\frac{{\rho {r^3}}}{{{S^{1/2}}}}} $
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक ट्यूब की लम्बाई $\ell$ तथा त्रिज्या $r$ है। इसमें टॉरपीन का तेल बहता है। ट्यूब के दोनों सिरों का दाबान्तर $p$ है तथा श्यानता गुणांक है
$\eta=\frac{p\left(r^{2}-x^{2}\right)}{4 v l}$
जहाँ ट्यूब के अक्ष से $x$ दूरी पर तेल का वेग $v$ है। $\eta$ की विमायें हैं
निम्नलिखित में से कौन से समीकरण विमीय रूप से सत्य हैं ?
जहाँ $t =$ समय, $h =$ ऊँचाई, $s =$ पष्ठ तनाव, $\theta=$ कोण, $\rho=$ घनत्व, $a , r =$ त्रिज्या, $g =$ गुरूत्वीय त्वरण, $v =$ आयतन, $p =$ दाब, $W =$ किया गया कार्य, $\Gamma=$ बल आधूर्ण, $\varepsilon=$ विद्युत शीलता, $E =$ विद्युत क्षेत्र, $J =$ धारा घनत्व, $L =$ लंबाई।
यदि प्रकाश का वेग $(c)$, गुरुत्वाकर्षण नियतांक $(G)$ तथा प्लांक नियतांक $(h)$ को मूल मात्रक माना जाए तब नई पद्धति में द्रव्यमान की विमा होगी
यदि $a$ त्रिज्या का एक गोला $v$ चाल से $\eta$ श्यानता नियताकं के एक द्रव में चलता है, तो स्टोक के नियमानुसार (Stoke's Law) उस पर $F$ श्यानता बल लगता है, जिसे निम्न समीकरण से दिखाया गया है : $F=6 \pi \eta a v$ यदि यह द्रव एक बेलनाकार नली, जिसकी त्रिज्या $r$, लंबाई 1 , एवं दोनों सिरों पर दाबांतर $P$ है, के अंदर बह रहा है, तब जल का $t$ समय में बहा हुआ आयतन निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है:
$\stackrel{v}{t}=k\left(\frac{p}{l}\right)^a \eta^b r^c \text {, }$
जहाँ $k$ एक विमाहीन स्थिरांक है । $a, b$ एवं $c$ के सही मान निम्नलिखित हैं: