यदि प्रकाश का वेग $(c)$, गुरुत्वाकर्षण नियतांक $(G)$ तथा प्लांक नियतांक $(h)$ को मूल मात्रक माना जाए तब नई पद्धति में द्रव्यमान की विमा होगी
$\left[h^{\frac{1}{2}} c^{-\frac{1}{2}} G^1\right]$
$\left[ h ^1 c ^1 G ^{-1}\right]$
$\left[ h ^{-\frac{1}{2}} c ^{\frac{1}{2}} G ^{\frac{1}{2}}\right]$
$\left[h^{\frac{1}{2}} c^{\frac{1}{2}} G ^{-\frac{1}{2}}\right]$
$A, B, C$ तथा $D$ चार भिन्न मात्राएँ हैं जिनकी विमाएं भिन्न हैं। कोई भी मात्रा विमा-रहित मात्रा नहीं हैं, लेकिन $A D=C \ln (B D)$ सत्य है। तब निम्न में से कौन आशय-रहित मात्रा है ?
कोहरे की स्थिति में वह दूरी $d$, जहाँ से सिग्नल स्पष्ट रूप से दिखाई दे, जानने के लिए एक रेलवे इंजीनियर विमीय विश्लेषण का प्रयोग करता है। उसके अनुसार यह दूरी $d$ कोहरे के द्रव्यमान घनत्व $\rho$ सिग्नल के प्रकाश की तीव्रता $S$ (शक्ति/क्षेत्रफल) तथा उसकी आवृत्ति $f$ पर निर्भर है। यदि इंजीनियर $d$ को $S ^{1 / n}$ के समानुपाती पाता है, तब $n$ का मान है :
यदि किसी द्रव की बूँद के कम्पन का आवर्तकाल $(T)$, बूंद के पृष्ठ-तनाव $(S)$, त्रिज्या $(r)$ एवं घनत्व $(\rho )$ पर निर्भर करता हो तो आवर्तकाल $(T)$ का व्यंजक है
एक अतिभारी ब्लैक होल (black hole), जिसका द्रव्यमान $m$ एवं त्रिज्या $R$ है, $\omega$ कोणीय वेग से चक्रण (spin) कर रहा है । यदि इसके द्वारा गुरूत्वीय तरंग (gravitational waves) के रूप में' विकिरित शक्ति $P$ का मान $P=G c^{-5} m^x R^y \omega^z$ है, जहाँ $c$ एवं $G$ क्रमशः प्रकाश का निर्वात में चाल और सार्वत्रिक गुरूत्वीय नियतांक है, तो
ऊर्जा घनत्व का व्यंजक निम्नवत है $u =\frac{\alpha}{\beta} \sin \left(\frac{\alpha x }{ kt }\right)$, जहाँ $\alpha$ एवं $\beta$ स्थिरांक हैं, $x$ विस्थापन है, $k$ वोल्टजमैन स्थिरांक है एवं $t$ तापमान है। $\beta$ की विमाऐं होंगी :