यदि वेग $v,$ त्वरण $A$ तथा बल $F$ को मूल राशियाँ मान लिया जाए, तो कोणीय संवेग का $v,\,A$ और $F$ के पदों में विमीय सूत्र होगा

  • A

    $F{A^{ - 1}}v$

  • B

    $F{v^3}{A^{ - 2}}$

  • C

    $F{v^2}{A^{ - 1}}$

  • D

    ${F^2}{v^2}{A^{ - 1}}$

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दो परमाणुओं के मध्य अन्योन्यक्रिया बल सम्बन्ध $F =\alpha \beta \exp \left(-\frac{ x ^{2}}{\alpha kt }\right)$ से दिया जाता है जहाँ $x$ दूरी है, $k$ बोल्ट्जमैन नियतांक तथा $T$ तापमान है और $\alpha$ तथा $\beta$ दो स्थिरांक हैं। $\beta$ की विमा होगी।

  • [JEE MAIN 2019]

इकाइयों की दो पद्धतियों $1$ व $2$ में वेग $(v)$ तथा त्वरण $(a)$ क्रमश: $v _2=\frac{ n }{ m ^2} v _1$ एवं $a _2=\frac{ a _1}{ mn }$ के अनुसार संबंधित है। यहाँ $m$ तथा $n$ नियतांक हैं तो दूरी तथा समय हेतु दोनों पद्धतियों में क्रमश: संबंध है

  • [JEE MAIN 2022]

विभानतार $V$, विधुत धारा $I$, पराविधुतांक  $\varepsilon_0$, पारगम्यता $\mu_0$ तथा प्रकाश की चाल $c$ को मिलाकर विमीय रूप से सही विकल्प है (हैं)

$(A)$ $\mu_0 I ^2=\varepsilon_0 V ^2$ $(B)$ $\varepsilon_0 I =\mu_0 V$ $(C)$ $I =\varepsilon_0 cV$ $(D)$ $\mu_0 cI =\varepsilon_0 V$

  • [IIT 2015]

यदि सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक $(G)$, प्लांक नियतांक $(h)$ तथा प्रकाश के वेग $(c)$ को मूल मात्रक माना जाए तो परिक्रमण त्रिज्या (Radius of gyration) की विमा होगी

न्यूटन के अनुसार, किसी द्रव की पर्तों के बीच लगने वाला श्यान बल $F = - \eta A\frac{{\Delta v}}{{\Delta z}}$ होता है । जहाँ $A$ द्रव की सतह का क्षेत्रफल, $\Delta v/\Delta z$ वेग प्रवणता और $\eta $ श्यानता गुणांक है तब $\eta $ की विमा होगी

  • [AIPMT 1990]