किसी नलिका से बहने वाले द्रव के क्रांतिक वेग $v _{ c }$ की विमाओं को $\left[\eta^{ x } \rho^{ y } r ^{ x }\right]$ से निर्दिप्ट किया जाता है जहाँ $\eta, \rho$ तथा $r$ क्रमश: द्रव का श्यानता गुणांक, द्रव का घनत्व तथा नलिका की त्रिज्या है, तो $x , y$ तथा $z$ क्रमश: मान है
$1,1,1$
$1,-1,-1$
$-1,-1,1$
$-1,-1,-1$
स्तम्भ I |
स्तम्भ II |
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$(i)$ क्यूरी |
$(A)$ $ML{T^{ - 2}}$ |
$(ii)$ प्रकाश वर्ष |
$(B)$ $M$ |
$(iii)$ परावैद्युत सामथ्र्य |
$(C)$ विमाहीन |
$(iv)$ परमाणु भार |
$(D)$ $T$ |
$(v)$ डेसीबल |
$(E)$ $M{L^2}{T^{ - 2}}$ |
$(F)$ $M{T^{ - 3}}$ |
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$(G)$ ${T^{ - 1}}$ |
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$(H)$ $L$ |
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$(I)$ $ML{T^{ - 3}}{I^{ - 1}}$ |
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$(J)$ $L{T^{ - 1}}$ |
सही मेल का चुनाव कीजिए
दो राशियों $A$ तथा $B$ की विमायें भिन्न है। निम्न में से किस गणितीय संक्रिया की भौतिक सार्थकता हैं
विमीय विश्लेषण की नींव किसके द्वारा रखी गयी
समीकरण $P = \frac{{a - {t^2}}}{{bx}}$ में $P$ दाब, $x$ दूरी तथा $t$ समय है तब $\frac{a}{b}$ की विमा होगी
एक कण का वेग $v$ (सेमी/सैकण्ड) समय $t$ (सैकण्ड में) के पदों में निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया गया है $v = at + \frac{b}{{t + c}}$ $a,\,\,b$ व $c$ की विमायें होंगी