यूरेनियम रेडियोएक्टिव श्रेणी में, प्रारम्भिक नाभिक $_{92}{U^{238}}$ है और अंतिम नाभिक $_{82}P{b^{206}}$ है। जब यूरेनियम नाभिक का सीसे $(lead)$ में क्षय होता है तो उत्सर्जित $\alpha - $ कणों की संख्या होगी
$1$
$2$
$4$
$8$
एक रेडियोधर्मी पदार्थ की अर्द्धआयु $20$ मिनट है उन समय बिन्दुओं का अन्तर क्या है जब वह क्रमश: $33\% $ व $67\% $ विघटित है ........मिनट
एक रेडियोएक्टिव नमूने की सक्रियता $t = 0$ पर $9750$ काउन्ट प्रति मिनट तथा $t = 5$ पर $975$ काउन्ट प्रति मिनट है, तो क्षय नियतांक लगभग .......... प्रति मिनट होगा
एक तुंरत तैयार किया हुआ रेडियों आइसोटोप प्रतिदर्श, जिसकी अर्द्ध-आयु $1386 s$ है, की सक्रियता $10^3$ विघटन प्रति सैकण्ड है। यदि $\ln 2=0.693$ है, तब प्रथम $80 s$ में विघटित नाभिकों व प्रारंभिक की संख्याओं का अनुपात (प्रतिशत निकटम पूर्णांक में) है।
दो रेडियोधर्मी पदार्थो $A$ तथा $B$ के क्षय नियतांक, क्रमशः $5 \lambda$ तथा $\lambda$ है। $t =0$ पर एक नमूने में इन दो नाभिकों की बराबर संख्या है। नाभिकों की संख्या का अनुपात $\left(\frac{1}{ e }\right)^{2}$ होने में लगे समय का मान होगा।
एक रेडियोसक्रिय विघटन श्रृंखला $_{93}N{p^{237}}$ से शुरू होकर उत्तरोत्तर उत्सर्जन द्वारा $_{90}T{h^{229}}$ को उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कण हो सकते हैं