माना $a$ तथा $b$ क्रमशः, एक अतिपरवलय जिसकी उत्केंद्रता समीकरण $9 e^{2}-18 e+5=0$ को संतुष्ट करती है, के अर्धअनुप्रस्थ अक्ष तथा अर्धसंयुग्मी अक्ष हैं। यदि $S(5,0)$ इस अतिपरवलय की एक नाभि तथा $5 x=9$ संगत नियन्ता (directrix) है, तो $a^{2}-b^{2}$ बराबर है
$-7$
$-5$
$5$
$7$
यदि बिंदु $(4,6)$ से होकर जाने वाले मानक अतिपरवलय की उत्केंद्रता $2$ है, तो $(4,6)$ पर अतिपरवलय पर खींची गई स्पर्श रेखा का समीकरण है
माना $a$ तथा $b$ धनात्मक वास्तविक संख्यायें इस प्रकार है कि $a >1$ तथा $b < a$ है। माना एक बिन्दु $P$ प्रथम चतुर्थाश में अतिपरवलय पर स्थित है। माना अतिपरवलय के बिन्दु $P$ पर खींची गई स्पर्श रेखा बिन्दु $(1,0)$ से गुजरती है तथा अतिपरवलय के बिन्दु $P$ पर खींचा गया अभिलम्ब निर्देशी अक्षों पर समान अन्त: खण्ड कास्ता है। माना बिन्दु $P$ पर स्पर्श रेखा, बिन्दु $P$ पर अभिलम्ब तथा $x$-अक्ष द्वारा निर्मित त्रिभुज के क्षेत्रफल को $\Delta$ से दर्शाते है। यदि अतिपरवलय की उत्केन्द्रता को $e$ से दर्शाते है, तो निम्न में से कौनसा/कौनसे कथन सत्य होगा/होंगे ?
$(A)$ $1 < e < \sqrt{2}$
$(B)$ $\sqrt{2} < e < 2$
$(C)$ $\Delta=a^4$
$(D)$ $\Delta=b^4$
अतिपरवलय $2{x^2} + 5xy + 2{y^2} + 4x + 5y = 0$ की अनन्तस्पर्शियों का संयुक्त समीकरण है
रेखाओं $ax\sec \theta + by\tan \theta = a$ तथा $ax\tan \theta + by\sec \theta = b$, जहाँ $\theta $ प्राचल है, के प्रतिच्छेद बिन्दु का बिन्दुपथ है
वत्त $x^{2}+y^{2}=25$ की उस जीवा, जो अति परवलय $\frac{x^{2}}{9}-\frac{y^{2}}{16}=1$ की स्पर्श रेखा है, के मध्य बिंदु का बिंदुपथ है