माना कि $AP ( a ; d )$ एक अनंत समान्तर श्रेणी (infinite arithmetic progression) के पदों का समुच्चय (set) है जिसका प्रथम पद $a$ तथा सर्वान्तर (common difference) $d >0$ है। यदि $AP (1 ; 3) \cap \operatorname{AP}(2 ; 5) \cap AP (3 ; 7)=$ $AP ( a ; d )$ है, तब $a + d$ बराबर . . . . .
$150$
$154$
$155$
$157$
श्रेणी $2,\,5,\,8...$ के प्रथम $2n$ पदों का योग, श्रेणी $57,\,59,\,61...$ के प्रथम $n$ पदों के योग के बराबर हो तो $n$ का मान होगा
संख्याओं के दो समूह $a,\;2b$ व $2a,\;b$, (जहाँ $a,\;b \in R$) के बीच $n$ समान्तर माध्य स्थापित किये गये हैं। यदि इन संख्याओं के दोनों समूहों के लिये $m$ वाँ समान्तर माध्य बराबर हो, तो $a:b$ है
चार संख्यायें समान्तर श्रेणी में हैं। यदि प्रथम तथा अंतिम पदों का योग $8$ है तथा दोनों मध्य पदों का गुणनफल $15$ है, तो श्रेणी की न्यूनतम संख्या होगी
यदि किसी समान्तर अनुक्रम के $p$ वें, $q$ वें व $r$ वें पद क्रमश: $a , b,$ $c$ हों, तो $[a(q - r)$ + $b(r - p)$ $ + c(p - q)]$ का मान होगा
माना भिन्न पदों वाली समांतर श्रेढ़ी (non-constant $A.P.$) $a _{1}, a _{2}$, $a _{3}, \ldots \ldots \ldots \ldots . . .$ के प्रथम $n$ पदों का योगफल $50 n +\frac{ n ( n -7)}{2} A$ है, जहाँ $A$ एक अचर है। यदि इस समांतर श्रेढ़ी का सार्वअंतर $d$ है, तो क्रमित युग्म $\left( d , a _{50}\right)$ बराबर है $:$