माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{7}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^2}{144}-\frac{y^2}{\alpha}=\frac{1}{25}$ की नाभियाँ सम्पाती हैं। तो अतिपरवलय के नाभिलंब जीवा की लंबाई है :
$\frac{32}{9}$
$\frac{18}{5}$
$\frac{27}{4}$
$\frac{27}{10}$
यदि $e _{1}$ तथा $e _{2}$ क्रमशः दीर्घवृत्त $\frac{ x ^{2}}{18}+\frac{ y ^{2}}{4}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^{2}}{9}-\frac{y^{2}}{4}=1$ की उत्केंद्रताएँ है तथा $\left( e _{1}, e _{2}\right)$ दीर्घवृत्त $15 x ^{2}+3 y ^{2}= k$ पर स्थित एक बिन्दु है, तो $k$ का मान है
वक्र $xy = {c^2}$ प्रदर्शित करता है
यदि अतिपरवलय का नाभिलम्ब 8 तथा उत्केन्द्रता $\frac{3}{{\sqrt 5 }}$ हों, तो उसका समीकरण होगा
उस अतिपरवलय का समीकरण जिसकी उत्केन्द्रता $2$ तथा नाभियों के बीच की दूरी $8$ है, है
माना $\mathrm{A}, \mathrm{x}$-अक्ष पर एक बिन्दु है। $\mathrm{A}$ से वक्रों $x^2+y^2=8$ व $y^2=16 x$ पर उभयनिष्ठ स्पर्श रेखाएं खींची जाती हैं। यदि इनमें से एक स्पर्श रेखा दोनों वक्रों को $\mathrm{Q}$ तथा $\mathrm{R}$ पर स्पर्श करती है, तब $(\mathrm{QR})^2$ बराबर है :