चुम्बकीय प्रेरण है
अदिश राशि
सदिश राशि
$(a) $ व $(b) $ दोनों
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक छोटा छड़ चुंबक जिसका चुंबकीय आधूर्ण $5.25 \times 10^{-2}\, JT ^{1}$ है, इस प्रकार रखा है कि इसका अक्ष पृथ्वी के क्षेत्र की दिशा के लंबवत है। चुंबक के केंद्र से कितनी दूरी पर, परिणामी क्षेत्र पृथ्वी के क्षेत्र की दिशा से $45^{\circ}$ का कोण बनाएगा, यदि हम $(a)$ अभिलंब समद्विभाजक पर देखें, $(b)$ अक्ष पर देखें। इस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण $0.42 \,G$ है। प्रयुक्त दूरियों की तुलना में चुंबक की लंबाई की उपेक्षा कर सकते हैं।
निम्न चित्र $(1)$ तथा $(2)$ में बल रेखाओं को प्रदर्शित किया गया है कौनसा कथन सत्य है
दो समरूप लघु छड़ चुम्बक प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, क्षैतिज तल में एक दूसरे से $2d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके अक्ष एक दूसरे के लम्बवत् है। तो दोनों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा
दो पृथक प्रयोगों में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखे छोटे चुम्बकों के उदासीन बिन्दु $r$ तथा $2r$ दूरी पर निरक्ष स्थिति में मिलते हैं। चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात है
चुम्बकीय क्षेत्र $B$ की बल रेखाओं से सम्बन्धित असत्य कथन है