अक्षीय बिन्दु पर एक लघु चुम्बक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होती है
$\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }} \times \frac{M}{{{d^3}}}$
$\frac{{{\mu _0}}}{{4\pi }} \times \frac{M}{{{d^2}}}$
$\frac{{{\mu _0}}}{{2\pi }} \times \frac{M}{{{d^3}}}$
$\frac{{{\mu _0}}}{{2\pi }} \times \frac{M}{{{d^2}}}$
एक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $M$ तथा इसकी अक्ष पर चुम्बकीय विभव $V $ है। द्विध्रुव आघूर्ण $\frac{M}{4}$ वाली एक अन्य चुम्बक के कारण उसी बिन्दु पर चुम्बकीय विभव होगा
आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विधुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?
चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।
$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?
$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?
$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?
दो छड़ चुम्बक, प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, एक दूसरे के लम्बवत् क्रॉस के रूप में रखे गये हैं। इस व्यवस्था का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
$10^4\,J/T$ जूल प्रति टेसला चुम्बकीय आघूर्ण का एक छड़ चुम्बक क्षैतिज तल में स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकता है $4×10^{-5}\, T$ टेसला के क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में इस छड़ चुम्बक को क्षेत्र की समानान्तर दिशा में $ 60°$ कोण तक घुमाने हेतु किए गए कार्य का मान .....$J$ होगा