अंतरिक्षयान में एक दिन, पृथ्वी के दो दिनों के तुल्य है। पृथ्वी के सापेक्ष अंतरिक्षयान की चाल होगी

  • A

    $1.5 \times {10^8}m{s^{ - 1}}$

  • B

    $2.1 \times {10^8}m{s^{ - 1}}$

  • C

    $2.6 \times {10^8}m{s^{ - 1}}$

  • D

    $5.2 \times {10^8}m{s^{ - 1}}$

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एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा

  • [JEE MAIN 2016]

निम्नतम अवस्था में विद्यमान एक हाइड्रोजन परमाणु एक फोटॉन को अवशोषित करता है जो इसे $n=4$ स्तर तक उत्तेजित कर देता है। फोटॉन की तरंग दैर्ध्य तथा आवृत्ति ज्ञात कीजिए।

मूल बिन्दु पर एक बिन्दु स्त्रोत $16 \times 10^{-8} \mathrm{Wm}^{-2}$ तीव्रता की ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है। मूल बिन्दु से क्रमशः $2 \mathrm{~m}$ तथा $4 \mathrm{~m}$ की दूरी पर स्थित बिन्दुओं पर उत्पन्न तीव्रताओं कें अन्तर का परिमाण. . . . . . .$\times 10^{-8} \mathrm{Wm}^{-2}$.

  • [JEE MAIN 2024]

यदि $100 W$ के लैम्प से विकिरत प्रकाश की माध्य तरंगदैध्र्य $5000 \mathring A$, है तो प्रतिसैकण्ड विकिरित फोटॉनों की संख्या होगी

$(a)$ एक निर्वात नली के तापित कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में $500\, V$ के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात $e / m 1.76 \times 10^{11} \,C kg ^{-1}$ है।

$(b)$ संग्राहक विभव $10\, MV$ के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो $(a)$ में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?