कभी-कभी अत्यधिक ऊर्जायुक्त धनात्मक कण अत्यधिक वेग से आकाश से पृथ्वी की ओर आते हैं। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण ये विक्षेपित होंगे
उत्तर की ओर
दक्षिण की ओर
पूर्व की ओर
पश्चिम की ओर
एकल आयनित मैग्नेशियम परमाणु $(A24)$ को $5\,keV$ गतिज ऊर्जा तक त्वारित किया जाता है तथा इसको $0.5\,T$ परिमाण वाले चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् रूप से प्रक्षेपित किया जाता है। निर्मित पथ की त्रिज्या $cm$ में ज्ञात कीजिये।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर द्रीजिए :
$(a)$ किसी प्रकोष्ठ में एक ऐसा चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया गया है जिसका परिमाण तो एक बिंदु पर बदलता है, पर दिशा निश्चित है (पूर्व से पशिचम)। इस प्रकोष्ठ में एक आवेशित कण प्रवेश करता है और अविचलित एक सरल रेखा में अचर वेग से चलता रहता है। आप कण के प्रारंभिक वेग के बारे में क्या कह सकते हैं।
$(b)$ एक आवेशित कण, एक ऐसे शक्तिशाली असमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसका परिमाण एवं दिशा दोनों एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर बदलते जाते हैं, एक जटिल पथ पर चलते हुए इसके बाहर आ जाता है। यदि यह मान लें कि चुंबकीय क्षेत्र में इसका किसी भी दूसर कण से कोई संघट्ट नहीं होता तो क्या इसकी अंतिम चाल, प्रारंभिक चाल के बराबर होगी?
$(c)$ पश्चिम से पूर्व की ओर चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन एक ऐसे प्रकोष्ठ में प्रवेश करता है जिसमें उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर एकसमान एक वैध्यूत क्षेत्र है। वह दिशा बताइए जिसमें एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया जाए ताकि इलेक्ट्रॉन को अपने सरल रेखीय पथ से विच्लित होने से रोका जा सके।
एक गतिमान इलेक्ट्रॉन पर $1500\, V / m$ तीव्रता का एक विद्युत क्षेत्र एवं $0.40\, wb/m^2$ तीव्रता का एक चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। एक सरल रेखा के अनुदिश इसका न्यूनतम वेग
एक पतली धातु शीट पृष्ठ के लम्बवत रखी है और चित्र में दिखाई दिशा में वेग $'v'$ से एक समान चुम्बकीयक्षेत्र $B$ में चल रही है। चुम्बकीय-क्षेत्र इस समतल पृष्ठ में प्रवेश कर रहा है। यदि इस शीट की बाईं और दाईं सतहों पर क्रमशः पृष्ठ-आवेश-घनत्व $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ प्रेरित होते हैं, तब उपांत-प्रभाव को नगण्य मानते हुए $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ के मान होंगे
एक प्रयोग में इलेक्ट्रॉनों को विराम अवस्था से $500 \,V$ वोल्टेज लगाकर त्वरित करते हैं। पथ की त्रिज्या ज्ञात कीजिए यदि लगाया गया चुम्बकीय क्षेत्र $100 \,mT$ है।
[इलेक्ट्रॉन का आवेश $=1.6 \times 10^{-19}\, C$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $\left.=9.1 \times 10^{-31} \,kg \right]$