$\alpha$ कण के उत्सर्जन के साथ रेडॉन $({R_n})$ का पोलोनियम $({P_0})$ में क्षय होता है जिसकी अर्द्ध-आयु $4$ दिन है। एक प्रतिदर्श में ${R_n}$ के $6.4 \times {10^{10}}$ परमाणु हैं। $12$ दिन के बाद इस प्रतिदर्श में ${R_n}$ के बचे हुए परमाणुओं की संख्या होगी

  • A

    $3.2 \times {10^{10}}$

  • B

    $0.53 \times {10^{10}}$

  • C

    $2.1 \times {10^{10}}$

  • D

    $0.8 \times {10^{10}}$

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एक रेडियोएक्टिव नाभिक- $A$ जिसकी अर्द्ध -आयु $T$ है, का क्षय एक नाभिक- $B$ में होता है। समय $t=0$ पर कोई भी नाभिक- $B$ नहीं है। एक समय $t$ पर नाभिकों $B$ तथा $A$ की संख्या का अनुपात $0.3$ है तो $t$ का मान होगा:

  • [JEE MAIN 2017]

एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक की अर्द्ध-आयु $5$ वर्ष है। इस पदार्थ का वह अंश जो $15$ वर्षो में क्षय होगा, है

$^{66}Cu$ के शुद्ध प्रतिदर्श से प्रारम्भ करने पर $15$ मिनट में इसके अपने मूल का $\frac{7}{8}$ भाग  $Zn$ में क्षयित हो जाता है तदनुरूपी अर्धायु .......... मिनट है

  • [AIEEE 2005]

$B{i^{210}}$ की अर्द्ध-आयु $5$ दिन है। यदि हम इस समस्थानिक के $50,000$ परमाणुओं से प्रारम्भ करें तो $10$ दिन पश्चात् शेष परमाणुओं की संख्या होगी

दो रेडियोधर्मीं तत्व $A$ तथा $B$ की अर्द्धआयु क्रमशः $20 \, min$ तथा $40\, min$ हैं। प्रारंभ में दोनों के नमूनों में नाभिकों की संख्या बराबर है। $80 \,min$ के उपरांत $A$ तथा $B$ के क्षय हुए नाभिकों की संख्या का अनुपात होंगा:

  • [JEE MAIN 2016]