$\alpha$ कण के उत्सर्जन के साथ रेडॉन $({R_n})$ का पोलोनियम $({P_0})$ में क्षय होता है जिसकी अर्द्ध-आयु $4$ दिन है। एक प्रतिदर्श में ${R_n}$ के $6.4 \times {10^{10}}$ परमाणु हैं। $12$ दिन के बाद इस प्रतिदर्श में ${R_n}$ के बचे हुए परमाणुओं की संख्या होगी
$3.2 \times {10^{10}}$
$0.53 \times {10^{10}}$
$2.1 \times {10^{10}}$
$0.8 \times {10^{10}}$
$A$ तथा $B$ दो रेडियोधर्मी पदार्थों की अर्द्धआयु क्रमश: $1$ तथा $2$ वर्ष है। प्रारम्भ में $A$ का $10\,gm$ तथा $B$ का $1\,gm$ लिया जाता है। किस ........... वर्ष (लगभग) बाद दोनों पदार्थों की बची हुई मात्रा समान होगी
तीन रेडियोधर्मी पदार्थो $A , B$ तथा $C$ की सक्रियता को दिये गये चित्र में क्रमश : वक्र $A , B$ तथा $C$ से दिखाया गया है। इन पदार्थो की अर्ध आयुओं का अनुपात, $T _{\frac{1}{2}}( A ): T _{\frac{1}{2}}( B ): T _{\frac{1}{2}}( C )$, होगा :
किसी प्रतिदर्श की सक्रियता $64 × 10^{-5}$ क्यूरी है। इसकी अर्द्ध आयु $3$ दिन है, कितने .......दिन बाद सक्रियता $5 ×10^{-6}$ क्यूरी हो जायेगी
$X$ समस्थानिक रेडियोएक्टिव की अर्द्ध-आयु $1.37 \times {10^9}$ वर्ष है। यह $X$ समस्थानिक क्षय होकर $Y$ स्थिर रेडियोएक्टिव प्राप्त होता है। चन्द्रमा से प्राप्त चट्टान के नमूने में दोनों पाये जाते हैं जिनका अनुपात $1:7$ है, तो चट्टान की आयु होगी
$2$ घंटे $30$ मिनट की अर्द्धायु वाला, नया-नया बना एक रेडियोसक्रिय स्त्रोत, अपने अनुमेय सुरक्षित स्तर के $64$ गुना विकिरण उत्सर्जित करता है। जिस न्यूनतम समय के बाद, इस स्त्रोत के साथ सुरक्षित कार्य करना संभव हो पाएगा, वह है $...........$ घंटे।