एक रेडियोधर्मी तत्व की औसत-आयु के दौरान, विघटित भाग है
$e$
$\frac{1}{e}$
$\frac{{e - 1}}{e}$
$\frac{e}{{e - 1}}$
दो कण जिनके अर्द्ध-आयुकाल क्रमश: $1620$ और $810$ वर्ष हैं, के एक साथ उत्सर्जन से रेडियोएक्टिव पदार्थ क्षय होता है। पदार्थ की $1/4$ मात्रा के बचने लिये समय (वर्षो में) होगा
किसी रेडियोधर्मी तत्व का क्षय नियतांक $1.5 \times {10^{ - 9}}$ प्रति सैकण्ड है। इसकी औसत आयु सैकण्डों में होगी
एक रेडियोएक्टिव नाभिक- $A$ जिसकी अर्द्ध -आयु $T$ है, का क्षय एक नाभिक- $B$ में होता है। समय $t=0$ पर कोई भी नाभिक- $B$ नहीं है। एक समय $t$ पर नाभिकों $B$ तथा $A$ की संख्या का अनुपात $0.3$ है तो $t$ का मान होगा:
रेडियोधर्मी पदार्थ का अर्द्ध-आयुकाल $800$ वर्ष है, तो $6400$ वर्षों पश्चात् रेडियम का शेष अंश बचेगा
निश्चित मात्रा के रेडियोसक्रिय तत्व के विघटन की दर को बढ़ाया जा सकता है