रॉकेट का इंजन, रॉकेट को पृथ्वी की सतह से ऊपर उठाता हैं क्योंकि रॉकेट से अत्यधिक वेग से निकलने वाली गर्म गैसें
पृथ्वी के विरुद्ध बल लगाती हैं
हवा के विरुद्ध बल लगाती हैं
रॉकेट के विरुद्ध प्रतिक्रिया बल लगाती हैं तथा उसे ऊपर धकेलती हैं
हवा को गर्म कर देती हैं जो रॉकेट को ऊपर उठाती हैं
वेग $(\sqrt{3} \hat{ i }+\hat{ j }) ms ^{-1}$ से गतिशील द्रव्यमान $m _{1}$ का एक कण
$A$ विश्राम अवस्था में द्रव्यमान $m _{2}$ के एक कण $B$ से संघट्ट करता है। संघट्ट के पश्चात कणों $A$ एवं $B$ के वेग क्रमशः $\overrightarrow{ V }_{1}$ एवं $\overrightarrow{ V }_{2}$ है। यदि $m _{1}=2 m _{2}$ एवं संघट्ट के पश्चात $\overrightarrow{ V }_{1}=(\hat{ i }+\sqrt{3} \hat{ j }) ms ^{-1}$ तब $\overrightarrow{ V }_{1}$ एवं $\overrightarrow{ V }_{2}$ के बीच कोण $......^o$ है।
किसी निकाय का संवेग संरक्षित रहता है
$1 \mathrm{~m}$ लंबाई के सरल लोलक में $1 \mathrm{~kg}$ द्रव्यमान का लकड़ी का एक गोलक है। यह $2 \times 10^2 \mathrm{~ms}$ ! की चाल से गतिमान $10^{-2} \mathrm{~kg}$ द्रव्यमान की एक गोली द्वारा टकराता है। गोली गोलक में धँस जाती है। गोलफ पापसा झूलने से पूर्प फिरा ऊँपाई सफल ऊपर पहुँचता है (दिया है : $\mathrm{g}=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ )
$1000$ किग्रा द्रव्यमान का एक पिण्ड $6$ मी/से. वेग से क्षैतिज दिशा में गति कर रहा है यदि $200$ किग्रा. अतिरिक्त द्रव्यमान जोड़ देने पर अन्तिम वेग (मी/से. में) है :
$200$ ग्राम द्रव्यमान की बन्दूक की गोली $5$ मी/सैकण्ड के वेग से दागी जाती है, यदि बन्दूक का द्रव्यमान $1$ किग्रा हो तो बन्दूक ........ $m/s$ वेग से पीछे की तरफ जाएगी