दीर्घवृत्त $x^{2}+4 y^{2}=4$ निर्देशक अक्षों से सरंखित एक आयत के अन्तर्गत है जो स्वयं बिन्दु $(4,0)$ से जाने वाले दूसरे दीर्घवृत्त के अन्तर्गत है। तब इस दीर्घवृत्त का समीकरण है
$\;{x^2} + 12{y^2} = 16$
$\;4{x^2} + 48{y^2} = 48$
$\;4{x^2} + 64{y^2} = 48$
$\;{x^2} + 16{y^2} = 16$
यदि $OB$, एक दीर्घवृत्त का अर्ध लघुअक्ष है, $F _{1}$ तथा $F _{2}$ उसकी नाभियाँ हैं तथा $F _{1} B$ तथा $F _{2} B$ के बीच का कोण एक समकोण है, तो दीर्घवृत्त की उत्केंद्रता का वर्ग है
माना दीर्घवत्त $\frac{x^{2}}{8}+\frac{y^{2}}{4}=1$ पद दूसरे चतुर्थाश में एक बिंदु $P$ इस प्रकार है कि $P$ पर दीर्घवत की स्पर्श रेखा, रेखा $x +2 y =0$ के लंबवत हैं। माना दीर्घवत्त की नाभियों $S$ तथा $S^{\prime}$ है तथा इसकी उत्केन्द्रता $e$ है। यदि त्रिभुज SPS' का क्षेत्रफल $A$ है तो $\left(5- e ^{2}\right) . A$ का मान है
बिन्दु $(4, -3)$ की दीर्घवृत्त $4{x^2} + 5{y^2} = 1$ के सापेक्ष स्थिति है
माना कि दीर्घ वृत्त $\frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{5}=1$ की नाभियाँ (foci) ( $\left.f_1, 0\right)$ और $\left(f_2, 0\right)$ है, जहाँ $f_1>0$ और $f_2<0$ है। माना कि $P_1$ एवं $P_2$ दो परवलय (parabola) है जिनकी नाभियाँ क्रमशः $\left(f_1, 0\right)$ तथा $\left(2 f_2, 0\right)$ हैं तथा दोनों के शीर्प (vertex) $(0,0)$ है। माना कि $P_1$ की स्पर्श रेखा $T_1$ बिन्दु $\left(2 f_2, 0\right)$ से, एवं $P_2$ की स्पर्श रेखा $T_2$ विन्दु $\left(f_1, 0\right)$ से गुजरती हैं। यदि $T_1$ की प्रवणता (slope) $m_1$ हो, हो और $T _2$ की प्रवणता $m _2$ हो, तव $\left(\frac{1}{ m _1^2}+ m _2^2\right)$ का मान है
रेखा $x\cos \alpha + y\sin \alpha = p$ दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ की एक स्पर्श रेखा होगी, यदि