मूल अक्षों के सापेक्ष दीर्घवृत्त जिसकी नाभिलम्ब $8$ है और जिसकी उत्केन्द्रता $\frac{1}{{\sqrt 2 }}$है, का समीकरण होगा
$\frac{{{x^2}}}{{18}} + \frac{{{y^2}}}{{32}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{8} + \frac{{{y^2}}}{9} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{64}} + \frac{{{y^2}}}{{32}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{16}} + \frac{{{y^2}}}{{24}} = 1$
दीर्वृघत $\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{9}=1$ को नाभियो से होकर जाने वाले उस वृत, जिसका केन्द्र $(0,3)$ है, का समीकरण है,
यदि किसी दीर्घवृत्त के लघुअक्ष के दोनों सिरों को नाभियों से मिलाने वाली रेखाओं के मध्य कोण $\frac{\pi }{2}$ है, तो दीेर्घवृत्त की उत्केन्द्रता है
दीर्घवृत्तों $\mathrm{E}_{\mathrm{k}}: \mathrm{kx}^2+\mathrm{k}^2 \mathrm{y}^2=1, \mathrm{k}=1,2, \ldots ., 20$ का विचार कीजिए। माना $C_k$ वह वृत्त है, जो दीर्घवृत्त $E_k$ के अन्त्य बिंदुओं (एक लघु अक्ष पर तथा दूसरा दीर्घ अक्ष पर) को मिलाने वाली चार जीवाओं को स्पर्श करता है। यदि वृत्त $C_k$ की त्रिज्या $r_k$ है, तो $\sum_{\mathrm{k}=1}^{20} \frac{1}{\mathrm{r}_{\mathrm{k}}^2}$ का मान है :
दीर्घवृत्त की जीवा के ध्रुवों का बिन्दुपथ होगा
यदि दीर्घवृत्त की नाभियाँ तथा शीर्ष क्रमश: $( \pm 1,\;0)$ तथा $( \pm 2,\;0)$ हों, तो उसका लघु अक्ष है