प्रतिबंधों को संतुष्ट करते हुए दीर्घवृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए
दीर्घ अक्ष की लंबाई $16,$ नाभियाँ $(0,\pm 6) .$
Length of minor axis $=16 ;$ foci $=(0,\,\pm 6)$
since the foci are on the $y-$ axis, the major axis is along the $y-$ axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form $\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}=1,$ where a is the semimajor axis.
Accordingly, $2 b=16 \Rightarrow b=8$ and $c=6$
It is known that $a^{2}=b^{2}+c^{2}$
$\therefore a^{2}=8^{2}+6^{2}=64+36=100$
$\Rightarrow a=\sqrt{100}=10$
Thus, the equation of the ellipse is $\frac{x^{2}}{8^{2}}+\frac{y^{2}}{10^{2}}=1$ or $\frac{x^{2}}{64}+\frac{y^{2}}{100}=1$
दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{9} + \frac{{{y^2}}}{5} = 1$ की नाभिलम्ब जीवा के सिरों पर स्पर्शियों से निर्मित चतुभ्र्ज का क्षेत्रफल ............. वर्ग इकाई होगा
मान्रा दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \mathrm{x}^2+9 \mathrm{y}^2=9$ धनात्मक $\mathrm{x}$ तथा $\mathrm{y}$ अक्षों को क्रमशः बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ पर काटता है। माना $E$ का दीर्घ अक्ष, वृत्त $C$ का एक व्यास है। माना बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ से होकर जाने वाली रेखा, वृत्त $\mathrm{C}$ को बिंदु $\mathrm{P}$ पर मिलती है। यदि, त्रिभुज जिसके शीर्ष $A, P$ तथा मूल बिंदु $O$ हैं, का क्षेत्रफल $\frac{m}{n}$ है, जहाँ $\mathrm{m}$ तथा $\mathrm{n}$ असहभाज्य हैं, तो $\mathrm{m}-\mathrm{n}$ बराबर है
यदि दीर्घवृत्त के लघु अक्ष की लम्बाई, इसकी नाभियों के बीच की दूरी की आधी है, तो इस दीर्घवत्त की उत्केन्द्रता है :
दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{25}+\frac{y^2}{16}=1$ की उस जीवा, जिसका मध्य बिंदु $\left(1, \frac{2}{5}\right)$ है, की लम्बाई है :
मान लीजिए $\frac{x^2}{a^2}+\frac{y^2}{b^2}=1,a > b$, एक दीर्घवृत है जिसकी नाभियाँ $F_1$ एवं $F_2$ हैं। $A O$ इसकी अर्धलघु $(semi-minor)$ अक्ष है, और $O$ दीर्घवृत का केंद्र है। रेखाएँ $A F_1$ एवं $A F_2$ को बढ़ाने पर वो दीर्घवृत को पुन: क्रमशः $B$ एवं $C$ बिन्दुओं पर काटती हैं। मान लीजिए कि $A B C$ एक समबाहु त्रिभुज है, तब दीर्घवृत की उत्केन्द्रता निम्न है :