रेडियोएक्टिव पोलोनियम $(Po)$ का अर्द्धआयु-काल $138.6$ वर्ष है। दस लाख पोलोनियम परमाणुओं के लिए $24$ घण्टों में विघटनों की संख्या है
$2000$
$3000$
$4000$
$5000$
एक रेडियोधर्मी नमूने में, एक परमाणु की इकाई समय में विघटन की प्रायिकता क्षय नियतांक ($\lambda $) कहलाती है तब
एक रेडियोधर्मी पदार्थ की अर्द्धआयु $T$ है, तो $\frac{T}{2}$ समय पश्चात् जो हिस्सा बचेगा, वह है
एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उसके द्वारा उत्सर्जित ऐल्फा कणों की संख्या से दोगुनी है। प्राप्त हुआ पुत्री पदार्थ मूल पदार्थ का
$^{131}I$ की अर्द्धआयु $8$ दिन हैं। यदि $^{131}I$ का नमूना $t = 0$ समय पर दिया गया है तो हम कह सकते हैं
किसी रेडियोएक्टिव नाभिक की अर्ध-आयु $50$ दिन है तो, इसके $\frac{2}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{2}$ तथा $\frac{1}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{1}$ का समय अन्तराल $\left(t_{2}-t_{1}\right)$ ........... दिन होगा: