किसी गैस की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ जाएगी जब उसका
रुद्धोष्म प्रसार होगा
रुद्धोष्म संपीडन होगा
समतापीय प्रसार होगा
समतापीय संपीडन होगा
एक आदर्श गैस का जिसका कि प्रारम्भिक ताप $300 K$ है, रुद्धोष्म प्रसारण किया जाता है जिससे उसका आयतन प्रारम्भिक आयतन का दुगना हो जाता है। हाइड्रोजन गैस का अन्तिम ताप होगा $(\gamma = 1.40)$
$18°C$ ताप पर किसी द्विपरमाण्विक गैस को रुद्धोष्म रीति से संपीडित करके इसका आयतन प्रारम्भिक का $1/8 $ कर डिया जाता है। संपीडन के पश्चात् ताप होगा
$1$ मोल हीलियम गैस रुद्धोष्म रीति से प्रारम्भिक अवस्था $({P_i},{V_i},{T_i})$ से अंतिम अवस्था $({P_f},{V_f},{T_f})$ तक प्रसारित होती है आंतरिक ऊर्जा में होने वाली कमी है
जब एक कल्पित गैस को उसके आयतन के आधे आयतन तक रुद्धोष्म रूप से सम्पीड़ित किया जाता है तो इसके ताप में $\sqrt 2 $ गुना तक वृद्धि हो जाती है। इसका अवस्था समीकरण लिखा जा सकता है
रुद्धोष्म परिवर्तन हेतु एक परमाण्विक गैस के लिये दाब तथा ताप में सम्बन्ध $P \propto T^c$ है। यहाँ $c$ का मान होगा