एक नियत बल के प्रभाव में गतिशील $m$ द्रव्यमान की वस्तु के द्वारा विराम से गति प्रारम्भ कर $s$ दूरी तय करने में प्राप्त गतिज ऊर्जा समानुपाती होती है
${m^0}$
$m$
${m^2}$
$\sqrt m $
बल $\mathop F\limits^ \to = (5\hat i + 3\hat j)$न्यूटन एक कण पर लगाया जाता है जो इसे मूल बिन्दु से $\mathop r\limits^ \to = (2\hat i - 1\hat j)$ मीटर तक विस्थापित कर देता है। बल द्वारा किया गया कार्य ........ $J$ होगा
$R$ त्रिज्या के एक अर्द्धगोले की सतह से $m$ द्रव्यमान का एक पिण्ड अर्द्धगोले की दीवार से सटकर फिसलता है। अर्द्धगोले के निम्नतम बिन्दु पर पिण्ड का वेग होगा [
द्रव्यमान संख्या $A$ के परमाणु के स्थिर नाभिक से एक न्यूट्रॉन वेग $v$ तथा गतिज ऊर्जा $E$ के साथ प्रत्यास्थ प्रत्यक्ष $(Head-on)$ संघट्ट करता है। कुल ऊर्जा का वह भाग जो न्यूट्रॉन में बचा रहेगा
एक कार को $10$ मी/सै से $20$ मी/सै तक त्वरित करने में दी गयी ऊर्जा, उस ऊर्जा से कितना गुना होगी जो कार को विराम अवस्था से $10$ मी/सै तक त्वरित करने के लिये आवश्यक है
$M_1$ द्रव्यमान की एक वस्तु विरामावस्था में रखी $M_2$ द्रव्यमान की एक अन्य वस्तु के साथ प्रत्यास्थ संघट्ट करती है तो अधिकतम ऊर्जा स्थानान्तरण होगा, जब