एक छड़ चुम्बक के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ

  • [AIEEE 2003]
  • A

    चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होती हैं

  • B

    चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर होती है

  • C

    अस्तित्व में नहीं रहती

  • D

    छड़ चुम्बक के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर करती है

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एक लम्बी चुम्बकीय सुई  जिसकी लम्बाई  $2\,L$  चुम्बकीय आघूर्ण $M$  एवं ध्रुव प्राबल्य $m$ इकाई  है, मध्य में से दो भागों में टूट जाती है । प्रत्येक टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण एवं ध्रुव प्राबल्य है

दो चुम्बकों को चित्रानुसार समकोण पर जोड़ा गया हैं। चुम्बक $1$ का चुम्बकीय आघूर्ण, चुम्बक $2$ के चुम्बकीय आघूर्ण का $3$ गुना है। इस व्यवस्था को इस प्रकार कीलकित किया गया है कि यह क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है। संतुलन की स्थिति में चुम्बक $ 1$ चुम्बकीय याम्योत्तर से किस कोण पर होगा

एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$  और लम्बाई  $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर ।  $P_1$  और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा

चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाली तीन एकसमान चुम्बकों को चित्र में दिखाये अनुसार एक समबाहु त्रिभुज के रूप में जोड़ा गया है। निकाय का कुल चुम्बकीय आघूर्ण होगा

दो एक जैसे छड़ चुम्बक चित्रानुसार रखे हुये हैं । बिन्दु $P $ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, जिसे तीर का शीर्ष दर्शाता है, होगी (लगभग)