यदि किसी छड़ चुम्बक का उत्तरी ध्रुव दक्षिण की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर इंगित करें, तो उदासीन बिन्दु होंगे
चुम्बकीय अक्ष पर
चुम्बकीय केन्द्र पर
चुम्बकीय अक्ष के लम्बार्द्वक पर
उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों पर
निम्न चित्र $(1)$ तथा $(2)$ में बल रेखाओं को प्रदर्शित किया गया है कौनसा कथन सत्य है
एक चुम्बक को चार समान भागों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि प्रत्येक छोटे भाग की लम्बाई एवं चौड़ाई, प्रारम्भिक मान की आधी हो जाती है तो प्रत्येक भाग का ध्रुव सामथ्र्य होगा
एक छड़ चुम्बक की चुम्बकीय बल रेखायें होती हैं
चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की परिभाषा है
चुंबकीय द्विध्रुव के कारण इसके केन्द्र से $20 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर इसकी अक्ष पर स्थित बिन्दु पर चुंबकीय विभव $1.5 \times 10^{-5} \mathrm{Tm}$ है। द्विध्रुव का चुंबकीय आघूर्ण. . . . . . . $\mathrm{Am}^2$ है।
(दिया है: $\frac{\mu_0}{4 \pi}=10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ )