दी गयी अक्ष के परित: किसी पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण $ 1.2kg \times {m^2} $ है तथा प्रारम्भ में पिण्ड स्थिर है। $1500$ जूल की घूर्णी गतिज ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए $25$ रेडियन/सै$^2$ के त्वरण को पिण्ड पर ........ $(\sec)$ समय के लिए आरोपित करना होगा
$4$
$2$
$8$
$10$
$6$ किग्रा द्रव्यमान एवं $40$ सेमी त्रिज्या का एक पहिया (रिम) $300$ चक्कर प्रति मिनट की दर से घूम रहा है। पहिये के घूर्णन की गतिज ऊर्जा होगी
जड़त्व आघूर्ण $I_t$ की एक वृताकार डिस्क अपनी सममिति अक्ष के परित:, एक स्थिर कोणीय वेग $\omega_{i}$ से क्षैतिज तल में घूर्णन कर रही है। इस डिस्क के ऊपर जड़त्व आघूर्ण $I _{ b }$ की एक अन्य डिस्क संकेन्द्री डाल दी जाती है। प्रारम्भ में दूसरी डिस्क की कोणीय चाल शून्य है। अन्तत: दोनों डिस्क एक ही स्थिर कोणीय वेग $\omega_{f}$ से घूर्णन करने लगती हैं। प्रारम्भ में घूर्णन करती हुई डिस्क की घर्षण के कारण नष्ट हुई उर्जा है
$M$ द्रव्यमान की $1.5 \,m$ लंबी एक छात्रा, जब वह सीधी खड़ी है तब उसका द्रव्यमान केंद्र जमीन से $1 \,m$ की ऊँचाई पर है| वह उर्ध्व दिशा में उछलना चाहती है|ऐसा करने के लिए वह अपने घुटनों को मोड़ती है, जिससे उसका द्रव्यमान केंद्र $0.2 \,m$ नीचे हो जाता है। तदुपरांत वह जमीन को एक नियत बल $F$ से धक्का देती है। इसके फलस्वरूप वह उपर उछ्छल जाती है, और उच्चतम बिन्दु पर उसके पैर जमीन से $0.3 \,m$ ऊपर होते हैं| $F / Mg$ का मान क्या है ?
एक वस्तु क्षैतिज तल पर बिना फिसले लुढ़क रही है। यदि इसकी घूर्णी गतिज ऊर्जा तथा स्थानांतरीय गतिज ऊर्जायें बराबर हैं, तो वस्तु होगी
एक ठोस बेलन, जिसको दो द्रव्यमानरहित रस्सियों के द्वारा सममित रूप से चित्रानुसार लटकाया गया है। रस्सियों को खोलने पर, यदि यह बेलन गिरता है, तो अपनी आरम्भिक स्थिर स्थिति के सापेक्ष $cm$ दूरी के बाद यह $4\,ms ^{-1}$ की चाल प्राप्त कर लेगा। (यदि $g =10\,ms ^{-2}$ )