कमानी स्थिरांक $K$ की कमानी से जुडे किसी पिण्ड की गति आरेख में दर्शाए अनुसार है।
गति का समीकरण $x ( t )= A \sin \omega t + B \cos \omega t$ द्वारा दिया गया है, यहाँ $\omega=\sqrt{\frac{ K }{ m }}$ मान लीजिए समय $t =0$ पर, पिण्ड की स्थिति $x (0)$ तथा वेग $v (0)$ है, तब इसका विस्थापन भी, $x ( t )= C \cos (\omega t -\phi)$, द्वारा निरूपित होगा, यहाँ $C$ और $\phi$ है।
${C}=\sqrt{\frac{2 {v}(0)^{2}}{\omega^{2}}+{x}(0)^{2}}, \phi=\tan ^{-1}\left(\frac{{x}(0) \omega}{2 {v}(0)}\right)$
${C}=\sqrt{\frac{{v}(0)^{2}}{\omega^{2}}+{x}(0)^{2}}, \phi=\tan ^{-1}\left(\frac{{x}(0) \omega}{{v}(0)}\right)$
$C=\sqrt{\frac{2 v(0)^{2}}{\omega^{2}}+x(0)^{2}}, \phi=\tan ^{-1}\left(\frac{v(0)}{x(0) \omega}\right)$
${C}=\sqrt{\frac{{v}(0)^{2}}{\omega^{2}}+{x}(0)^{2}}, \phi=\tan ^{-1}\left(\frac{{v}(0)}{{x}(0) \omega}\right)$
एक स्प्रिंग की स्वतंत्र लम्बाई $l$ तथा बल नियतांक $k$ है। इसे काटकर $l_{1}$ तथा $l_{2}$ स्वतंत्र लम्बाई की दो स्प्रिंगों में बाँटते है। $l_{1}= n l_{2}$ है, जहाँ $n$ एक पूर्णाक है। इनमें सम्बद्ध बल नियतांकों $k _{1}$ तथा $k _{2}$ का अनुपात, $k _{1} / k _{2}$ होगा।
किसी कमानी से लटका एक पिण्ड एक क्षैतिज तल में कोणीय वेग $\omega$ से घर्षण या अवमंदन रहित दोलन कर सकता है। इसे जब $x_{0}$ दूरी तक खींचते हैं और खींचकर छोड़ देते हैं तो यह संतुलन केन्द्र से समय $t=0$ पर $v_{0}$ वेग से गुजरता है। प्राचल $\omega . x_{0}$ तथा $v_{0}$ के पदों में परिणामी दोलन का आयाम ज्ञात करिये। [संकेत: समीकरण $x=a \cos (\omega t+\theta)$ से प्रारंभ कीजिए। ध्यान रहे कि प्रारंभिक वेग ऋणात्मक है। ]
द्रव्यमान $1 \; kg$ एवं $4 \; kg$ की दो वस्तुऐं एक ऊर्ध्वाधर कमानी द्वारा चित्र के अनुसार जोड़ी गयी हैं। अल्पतर द्रव्यमान कोणीय आवृत्ति $25 \; rad / s$ एवं आयाम $1.6 \; cm$ की सरल आवर्त गति कर रहा है जबकि बृहत्तर द्रव्यमान स्थिर रहता है। निकाय द्वारा फर्श पर लगाया गया अधिकतम बल है ( $g=10 \; ms ^{-2}$ लें).
किसी नगण्य द्रव्यमान की स्प्रिंग् से $M$ द्रव्यमान लटकाया जाता है। स्प्रिंग् को थोड़ा खींचकर छोड़ दिया जाता है ताकि द्रव्यमान $M$ दोलनकाल $T$ से सरल आवर्ती दोलन करने लगता है। यदि द्रव्यमान को $m$ से बढ़ा दिया जाये तो दोलनकाल $\frac{5}{4}T$ हो जाता है, तो $\frac{m}{M}$ का अनुपात है
चार द्रव्यमान रहित स्प्रिंगों के बल नियतांक क्रमश: $2k, 2k, k$ एवं $2k$ हैं। ये चित्रानुसार घर्षण रहित तल पर स्थित एक द्रव्यमान $M$ से जुड़ी है। यदि द्रव्यमान $M$ को क्षैतिज दिशा में विस्थापित कर दिया जाये तब दोलनों का आवर्तकाल होगा