एक समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग में समाहित दोलनीकृत चुम्बकीय क्षेत्र $B _{ y }=5 \times 10^{-6} \sin 1000 \pi\left(5 x -4 \times 10^8 t \right) T$ द्वारा निरूपित है। विद्युत क्षेत्र का आयाम होगा।
$15 \times 10^{2} \,Vm ^{-1}$
$5 \times 10^{-6} \,Vm ^{-1}$
$16 \times 10^{12} \,Vm ^{-1}$
$4 \times 10^{2} \,Vm ^{-1}$
निर्वात में दो समतल विधुत-चुम्बकीय तरंगो के विधुत क्षेत्र
$\overrightarrow{\mathrm{E}}_{1}=\mathrm{E}_{0} \hat{\mathrm{j}} \cos (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kx})$ तथा
$\overrightarrow{\mathrm{E}}_{2}=\mathrm{E}_{0} \hat{\mathrm{k}} \cos (\omega \mathrm{t}-\mathrm{ky})$ हैं।
समय $t =0$ पर $q$ आवेश का एक कण $\overrightarrow{ v }=0.8 cj ( c$ निर्वात में प्रकाश की गति है) वेग से मूलबिन्दु पर चल रहा है। कण पर लगने वाला तात्क्षणिक बल है ।
विद्युत चुम्बकीय तरंग के औसत विद्युत ऊर्जा घनत्व एवं कुल औसत ऊर्जा घनत्व का अनुपात होता है:
किसी $100 \,W$ के बल्ब से उत्सर्जित विकिरणों द्वारा बल्ब से $3 \,m$ दूरी पर उत्पन्न विधुत क्षेत्र तीव्रता $E$ है। इतनी ही दूरी पर $60\, W$ के बल्ब से उत्सर्जित विकिरणों द्वारा उत्पन्न विधुत क्षेत्र तीव्रता होगी $\sqrt{\frac{ x }{5}} E$, यहाँ $x =....$ है।
यदि किसी विद्युतचुम्बकीय तरंग की आवृत्ति $60 \mathrm{MHz}$ है तथा यह वायु में $\mathrm{z}$-अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश संचरित होती है तब इसके संगत वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र एक दूसरे के परस्पर लम्बवत है। तरंगदैर्ध्य (मीटर में) है :
समय $t =0$ पर मुक्ताकाश में किसी समतल ध्रुवित विधुत चुम्बकीय तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न व्यंजक द्वारा दिया जाता है :-
$\overrightarrow{ E }( x , y )=10 \hat{ j } \cos [(6 x +8 z )]$ चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }( x , z , t )$ है : ( $c$ प्रकाश का वेग है)