$1000\, W$ के बल्ब द्वारा उत्त्सर्जित कोई विकिरण $2\, m$ दूरी पर स्थित किसी बिन्दु $P$ पर कोई विधुत क्षेत्र और चुम्बकीय क्षेत्र उत्पत्र करता है। इस बल्ब की दक्षता $1.25\, \%$ है। बिन्दु $P$ पर शिखर विधुत क्षेत्र का मान $x \times 10^{-1} \,V / m$ है तो $x$ का मान $......$ होगा।
$\left[\varepsilon_{0}=8.85 \times 10^{-12}\, C ^{2} \,N ^{-1}\, m ^{-2}\right.$ और $c =3 \times 10^{8} \,ms ^{-1}$ लीजिए ।] (निकटतम संभावित पूर्णांक तक)
$137$
$149$
$164$
$121$
एक समतल विधुत चुम्बकीय तरंग में विधुत क्षेत्र $E =50 \sin \left(500 x -10 \times 10^{10} t \right)\, V / m$ दिया गया है। माध्यम में विधुतचुम्बकीय तरंग का वेग है।
(दिया है $C =$ निर्वात में प्रकाश की चाल)
$3\, m$ की दूरी पर स्थित किसी $100\, W$ बल्ब से आ रहे विकिरण द्वारा उत्पन्न विध्यूत एवं चुंबकीय क्षेत्रों की गणना कीजिए। आप यह जानते हैं कि बल्ब की दक्षता $2.5 \, \%$ है और यह एक बिंदु स्रोत है।
वैद्युत-चुम्बकीय तरंग में वैद्युत क्षेत्र $E =56.5 \sin \omega( t - x / c ) NC ^{-1}$ द्वारा दिया जाता है। तरंग की तीव्रता ज्ञात करो यदि यह मुक्त आकाश में $x$-अक्ष के अनुदिश गमन करती है।(दिया गया है: $\varepsilon_0=8.85 \times 10^{-12} C ^2 N ^{-1} m ^{-2}$ )
किसी एकवर्णी प्रकाश पुंज की आवृत्ति $v=\frac{3}{2 \pi} \times 10^{12}\, Hz$ है और वह $\frac{\hat{i}+\hat{j}}{\sqrt{2}}$ दिशा में गतिमान है। उसकी ध्रुवण की दिशा $\hat{k}$ है। उसके चुम्बकीय क्षेत्र का स्वीकार्य स्वरूप होगा
विद्युत चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति सिद्ध होती है