विध्यूतशीलता $\epsilon_{0}$ और चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ के माध्यम में विध्यूत-चुम्बकीय विकिरण का वेग होता है:
$\sqrt {\frac{1}{{{\mu _0}{\varepsilon _0}}}} $
$\;\sqrt {\frac{{{\mu _0}}}{{{\varepsilon _0}}}} $
$\;\sqrt {\frac{{{\varepsilon _0}}}{{{\mu _0}}}} $
$\;\sqrt {{\mu _0}{\varepsilon _0}} $
यदि निर्वात में विद्युत चुम्बकीय तरंगों के विद्युत क्षेत्र तथा संचरण सदिश को $\overrightarrow{\mathrm{E}}$ एवं $\overrightarrow{\mathrm{K}}$ से प्रदर्शित किया हो, तो चुम्बकीय क्षेत्र सदिश है ( $\omega$ - कोणीय आवृत्ति):
किसी एक स्रोत से $8.2 \times {10^6}Hz$ आवृत्ति की विद्युत-चुम्बकीय तरंगें प्रेषित होती हैं, तो इस तरंग की तरंगदैध्र्य .....$m$ होगी
आवृत्ति $1 \times 10^{14}$ हर्टज की एक विद्युत चुम्बकीय तरंग $z$ - अक्ष पर संचरण कर रही है। विद्युत क्षेत्र का आयाम $4 \;V / m$ है। यदि $\varepsilon_{ o }=8.8 \times 10^{-12}\; C ^{2} / N - m ^{2}$, तब विद्युत क्षेत्र का औसत ऊर्जा घनत्व होगा
एक समतल विधुत चुम्बकीय तरंग में विधुत क्षेत्र $E =50 \sin \left(500 x -10 \times 10^{10} t \right)\, V / m$ दिया गया है। माध्यम में विधुतचुम्बकीय तरंग का वेग है।
(दिया है $C =$ निर्वात में प्रकाश की चाल)
$25 \times 10^{4}$ वाट/मी $^{2}$ ऊर्जा फ्लक्स का प्रकाश, किसी पूर्णत: परावर्तक पृष्ठ (सतह) पर लम्बवत् आपतित होता है। यदि इस पृष्ठ का क्षेत्रफल $15$ सेमी हो तो, पृष्ठ पर आरोपित औसत बल होगा