विध्यूतशीलता $\epsilon_{0}$ और चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ के माध्यम में विध्यूत-चुम्बकीय विकिरण का वेग होता है:
$\sqrt {\frac{1}{{{\mu _0}{\varepsilon _0}}}} $
$\;\sqrt {\frac{{{\mu _0}}}{{{\varepsilon _0}}}} $
$\;\sqrt {\frac{{{\varepsilon _0}}}{{{\mu _0}}}} $
$\;\sqrt {{\mu _0}{\varepsilon _0}} $
एक रेडियो ग्राही एंटीना जिसकी ऊँचाई $2\,m$ है, को विद्युत-चुम्बकीय तरंग की दिशा में रखा गया है जो $5 \times {10^{ - 16}}W/{m^2}$ तीव्रता के सिग्नल को प्राप्त करता है। एंटीना के दोनों सिरों के बीच अधिकतम तात्क्षणिक विभवान्तर का मान होगा
समय $t =0$ पर मुक्ताकाश में किसी समतल ध्रुवित विधुत चुम्बकीय तरंग का विधुत क्षेत्र निम्न व्यंजक द्वारा दिया जाता है :-
$\overrightarrow{ E }( x , y )=10 \hat{ j } \cos [(6 x +8 z )]$ चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }( x , z , t )$ है : ( $c$ प्रकाश का वेग है)
एक विधुत चुम्बकीय तरंग को, विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }= E _{0} \hat{ n } \sin [\omega t +(6 y -8 z )]$, से निरूपित किया जाता है। यदि $x, y$ तथा $z$ दिशा में इकाई सदिश क्रमशः $\hat{ i }, \hat{ j }, \hat{ k }$, हैं संचरण की दिशा $\hat{ s }$, के लिये सही विकल्प है?
$X$-अक्ष के अनुदिश चलते हुए प्रकाश का किरण पुँज निम्न विद्युत क्षेत्र द्वारा निरूपित है : $E _{ y }=900 \sin \omega( t - X / c )$ । एक आवेश $q$ जो कि $Y$-अक्ष के अनुदिश $3 \times 10^7\,ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है, इस आवेश पर लगने वाले विद्युत बल एवं चुम्बकीय बल का अनुपात होगा :[प्रकाश की चाल $=3 \times 10^8\,ms ^{-1}$ ]