इस प्रश्न में प्रकथन $1$ एवं प्रकथन $2$ दिये हुए हैं। प्रकथनों के पश्चात् दिये गये चार विकल्पों में से, उस विकल्प को चुनिए जोकि दोनों प्रकथनों का सर्वोत्तम वर्णन करता है।
त्रिज्या $R$ के एक विध्युत रोधी ठोस गोले पर एकसमान धनात्मक आवेश घनत्व $\rho$ हैं। इस एकसमान आवेश वितरण कें कारण विध्युत विभव का मान गोले के केन्द्र पर, गोले के पृष्ठ पर और गोले से बाहर एक बिन्दु पर परिमित है। अनन्त पर विध्युत विभव का मान शून्य है
प्रकथन $1 :$ जव एक आवेश $q$ को गोले के केन्द्र से पृष्ठ तक ले जाया जाता है, तब स्थितिज ऊर्जा में $\frac{q \rho}{38_{0}}$ से परिवर्तन होता है।
प्रकथन $2 :$ गोले के केन्द्र से दूरी $r( r < R)$ पर विध्युत क्षेत्र $\frac{\rho r}{3 \varepsilon_{0}}$ है।
प्रकथन $-1$ सही है, प्रकथन $-2$ सही है, प्रकथन $-2$ प्रकथन $-1$ की सही व्याख्या करता है
प्रकथन $-1$ सही है, प्रकथन $-2$ सही है, प्रकथन $-2$ प्रकथन $-1$ की सही व्याख्या नहीं करता है
प्रकथन $-1$ सही है, प्रकथन $-2$ गलत है
प्रकथन $-1$ गलत है, प्रकथन $-2$ सही है
एक कण जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ है किसी एकसमान विधुत क्षेत्र $E$ में स्थिर है फिर इसे मुक्त कर दिया जाये तो $y$ दूरी चलने के पश्चात इसके द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा होगी:
किसी वृत्त के केन्द्र पर $10$ इकाई का आवेश रखा है। वृत्त की त्रिज्या $10\,m$ है। $1$ इकाई के आवेश को वृत्त की परिधि पर घुमाने में किया गया कार्य .......इकाई होगा
एक $\alpha$-कण एवं एक प्रोट्रोन, समान विभवान्तर के द्वारा विश्रामावस्था से त्वरित किए जाते हैं। इन दोनों कणों के द्वारा प्राप्त किए गए रेखीय संवेगों का अनुपात है:
नीचे दिए गए चित्र में एक आवेश विन्यास जिसे विध्यूत चतुर्ध्रुवी कहा जाता है, दर्शाया गया है। चतुर्ध्रुवी के अक्ष पर स्थित किसी बिंदु के लिए $r$ पर विभव की निर्भरता प्राप्त कीजिए जहाँ $r / a>>1$ । अपने परिणाम की तुलना एक विध्यूत द्विध्रुव व विध्यूत एकल ध्रुव (अर्थात् किसी एकल आवेश ) के लिए प्राप्त परिणामों से कीजिए।
एक $\alpha $-कण को $200\,V$ विभवान्तर से त्वरित किया जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि ....... $eV$ होगी