$10$ सेमी भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन कण रखे हैं। प्रत्येक कण पर $10$ माइक्रोकूलॉम आवेश है। इस निकाय की स्थिर-वैद्युत स्थितिज ऊर्जा......जूल होगी
(दिया है $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {10^9}$ न्यूटन-मीटर$^{2}$/कूलॉम$^{2}$)
$0$
अनन्त
$27$
$100$
दो धनात्मक बिन्दु आवेश $12\,\mu C$ व $8\,\mu C$ एक दूसरे से $10$ सेमी. दूरी पर रखे हैं। इन्हें $4$ सेमी. तक पास लाने में किया गया कार्य होगा
धन आवेश को समविभव सतह पर चलाने में किया गया कार्य है
$10\, e.s.u.$ आवेश को $40\, e.s.u.$ आवेश से $2$ सेमी तथा $20\, e.s.u.$ आवेश से $4$ सेमी की दूरी पर रखा जाता है। अर्ग में $10\,e.s.u.$ आवेश की स्थितिज ऊर्जा है
$2$ ग्राम द्रव्यमान की एक गोली $2\,\mu C$ परिमाण का आवेश रखती है। इसको विराम अवस्था से $10\,m/s$ की गति प्राप्त करने के लिए कितने विभवान्तर द्वारा त्वरित करना होगा?
$m$ द्रव्यमान के एक बिन्दु आवेश $q$ को $\ell$ लम्बाई की एक डोरी द्वारा ऊर्ध्वाधर रूप से लटकाया जाता है। अब द्विध्रुव आघूर्ण $\overrightarrow{ p }$ के एक बिन्दु द्विध्रुव को अनन्त से $q$ की ओर इस प्रकार लाया जाता है कि आवेश दूर गति करता है। द्विध्रुव की दिशा, कोणों तथा दूरियों सहित निकाय की अन्तिम साम्य स्थिति नीचे चित्र में दर्शायी गई है। यदि द्विध्रुव को इस स्थिति तक लाने में किया गया कार्य $N \times( mgh )$ है, जहाँ $g$ गुरूत्वीय त्वरण है, जब $N$ का मान. . . . . . . है। (ध्यान दीजिये की बिन्दु द्रव्यमान को साम्यावस्था में बनाए रखते हुए तीन समतलीय बलों के लिए, $\frac{ F }{\sin \theta}$ सभी बलों के लिए समान है, जहाँ $F$ कोई एक बल है तथा $\theta$ अन्य दो बलों के मध्य कोण है।)