यदि द्रव्यमान, लम्बाई और समय के स्थान पर समय $( T )$, वेग $( C )$ तथा कोणीय संवेग $( h )$ को मूलभूत राशियाँ मान लें तो द्रव्यमान की विमा को इन राशियों के रूप में निम्न तरीके से लिखेंगे
$\left[ M \right] = \left[ {{T^{ - 1}}\,{C^{ - 2}}\,h} \right]$
$\left[ M \right] = \left[ {{T^{ - 1}}\,{C^2}\,h} \right]$
$\left[ M \right] = \left[ {{T^{ - 1}}\,{C^{ - 2}}\,{h^{ - 1}}} \right]$
$\left[ M \right] = \left[ {T\,{C^{ - 2}}\,h} \right]$
एक ब्लैक होल (black hole) के क्षेत्रफल $A$ को सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक $G$, उसके द्रव्यमान $M$ तथा प्रकाश के वेग $c$ के माध्यम से $A=G^\alpha M^\beta c^\gamma$ के रूप में निरूपित किया जा सकता है। यहाँ
कभी-कभी मात्रकों की एक पद्धति का निर्माण करना सुविधाजनक होता है ताकि सभी राशियों को केवल एक भौतिक राशि के पदों में व्यक्त किया जा सके। इस प्रकार की पद्धति में, विभिन्न राशियों की विमाओं को राशि $X$ के पदों में निम्नानुसार दिया गया है: $[$ स्थिति $]=\left[ X ^{ \alpha }\right]$; [चाल $]=\left[ X ^\beta\right]$; [त्वरण $]=\left[ X ^{ p }\right]$; [रेखीय संवेग $]=\left[ X ^{ q }\right] ;[$ बल $]=\left[ X ^{ R }\right]$ । तब
$(A)$ $\alpha+ p =2 \beta$
$(B)$ $p + q - r =\beta$
$(C)$ $p - q + r =\alpha$
$(D)$ $p+q+r=\beta$
यदि $a$ त्रिज्या का एक गोला $v$ चाल से $\eta$ श्यानता नियताकं के एक द्रव में चलता है, तो स्टोक के नियमानुसार (Stoke's Law) उस पर $F$ श्यानता बल लगता है, जिसे निम्न समीकरण से दिखाया गया है : $F=6 \pi \eta a v$ यदि यह द्रव एक बेलनाकार नली, जिसकी त्रिज्या $r$, लंबाई 1 , एवं दोनों सिरों पर दाबांतर $P$ है, के अंदर बह रहा है, तब जल का $t$ समय में बहा हुआ आयतन निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है:
$\stackrel{v}{t}=k\left(\frac{p}{l}\right)^a \eta^b r^c \text {, }$
जहाँ $k$ एक विमाहीन स्थिरांक है । $a, b$ एवं $c$ के सही मान निम्नलिखित हैं: