एक सरल लोलक का दोलनकाल दोगुना हो जायेगा यदि इसकी लम्बाई
दो गुना घटा दी जाये
चार गुना घटा दी जाये
दो गुना बढ़ा दी जाये
चार गुना बढ़ा दी जाये
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
यदि सरल लोलक का धातु का बना गोलक, लकड़ी के गोलक से बदल दिया जाए तब इसका आवर्तकाल
एक स्थिर लिफ्ट की छत से लटके हुये सरल लोलक का दोलनकाल $T_1$ है। जब लिफ्ट नियत वेग से नीचे की ओर गति करें तो सरल लोलक का दोलनकाल $T_2$ हो जाता है, तब
सरल लोलक जिसकी लम्बाई $L$ तथा गोलक का द्रव्यमान $M $ है, एक तल में ऊध्र्वाधर रेखा के परित: $ - \,\phi $ तथा $\phi $ सीमाओं के बीच दोलन कर रहा है। कोणीय विस्थापन $\theta (|\theta |\, < \phi )$, डोरी में तनाव तथा गोलक का वेग क्रमश: $T$ तथा $v$ है। उपरोक्त दशाओं में निम्नलिखित में से कौन-सा सम्बन्ध सही है
सरल लोलक की लम्बाई तथा उसके आवर्तकाल के बीच सही ग्राफ है