दो एकसमान बीकर $A$ एवं $B$ में दो भिन्न द्रवों के समान आयतन $60^{\circ} C$ तापमान पर रखे है और ठण्डा होने के लिए छोड़ दिए गये है। $A$ में द्रव का घनत्व $8 \times 10^{2} \,kg / m ^{3}$ है और विशिष्ट ऊष्मा $2000 \,J kg ^{-1} K ^{-1}$ जबकि $B$ में द्रव का घनत्व $10^{3} \,kg m ^{-3}$ है और विशिष्ट ऊष्मा $4000\, J kg ^{-1} K ^{-1}$ है। निम्नलिखित में से कौनसा ग्राफ तापमान का समय के साथ परिवर्तन विधिवत् प्रदर्शित करता है? (दोनों बीकरों की उत्सर्जकता एकसमान मान लें)
ताँबे का एक ठोस घनाकृति पिंड, जिसकी भुजा की लम्बाई $1$ सेमी है, एक निर्वातित पात्र में लटकाये जाने पर उस ठोस का ताप ${100^o}C$ से ${99^o}C$ तक घटने में $100$ सैकण्ड का समय लगता है। एक दूसरा ताँबे का ठोस घन पिंड जिसकी भुजा की लम्बाई $2$ सेमी है, और जिसके पृष्ठों का स्वरूप पहले पिंड के समान है, उसी प्रकार लटकाया जाता है। इस पिंड का ताप ${100^o}C$ से ${99^o}C$ तक घटने में लगने वाले समय का मान लगभग...... $\sec$ होगा
समरूप कैलोरीमापियों में एक ही ताप पर समान आयतन के द्रव भरे हुए हैं उनकी शीतलन दर
एक द्रव को ${70^o}C$ से ${60^o}C$ तक ठंडा होने में $5$ मिनट लगते हैं। उसे ${60^o}C$ से $50^\circ C$ तक ठंडा होने में समय लगेगा
किसी पात्र में ${100^o}C$ पर गर्म पानी भरा हुआ है। यदि इसका तापक्रम ${80^o}C$ होने में ${T_1}$ समय लगता है तथा ${80^o}C$ से ${60^o}C$ होने में ${T_2}$ समय लगता है, तब
एक पात्र में $1 kg$ जल भरा हुआ है, इसे सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है, जिसके कारण जल परिवेश की तुलना में गर्म हो जाता है। सूर्य के प्रकाश के कारण प्राप्त की गई प्रति इकाई क्षेत्रफल प्रति इकाई समय औसत ऊर्जा $700 Wm ^{-2}$ है तथा इसे $0.05 m ^2$ के प्रभावी क्षेत्रफल पर जल द्वारा अवशोषित किया जाता है। माना कि जल से परिवेश की ओर ऊष्मा हानि न्यूटन के शीतलन के नियम द्वारा संचालित होती है, लम्बे समय के बाद जल तथा परिवेश के ताप में अन्तर $\left({ }^{\circ} C\right.$ में ). . . . . . . होगा। (पात्र के प्रभाव को नगण्य मानें तथा न्यूटन के शीतलन के नियम के लिए नियतांक $=0.001 s ^{-1}$ लें, जल की ऊष्मा धारिता $\left.=4200 J kg ^{-1} K ^{-1}\right)$