समान स्प्रिंग् नियतांक $k$ वाली दो स्प्रिंगों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तथा बाद में समान्तर क्रम में जोड़ते हैं। यदि इनसे $m$द्रव्यमान का पिण्ड लटका है तो उनकी ऊध्र्वाधर दोलनों की आवृत्तियों का अनुपात होगा
$2:1$
$1:1$
$1:2$
$4:1$
किसी कमानी से लटका एक पिण्ड एक क्षैतिज तल में कोणीय वेग $\omega$ से घर्षण या अवमंदन रहित दोलन कर सकता है। इसे जब $x_{0}$ दूरी तक खींचते हैं और खींचकर छोड़ देते हैं तो यह संतुलन केन्द्र से समय $t=0$ पर $v_{0}$ वेग से गुजरता है। प्राचल $\omega . x_{0}$ तथा $v_{0}$ के पदों में परिणामी दोलन का आयाम ज्ञात करिये। [संकेत: समीकरण $x=a \cos (\omega t+\theta)$ से प्रारंभ कीजिए। ध्यान रहे कि प्रारंभिक वेग ऋणात्मक है। ]
एक ऊर्ध्व दिशा की कमानी को धरातल पर चित्र के अनुसार स्थायी किया गया है तथा इसके ऊपरी सिरे के पलड़े पर $2.0$ किग्रा द्रव्यमान की वस्तु रखी है। कमानी और पलड़े के भार नगण्य हैं। थोड़ा दबाकर छोड़ देने पर द्रव्यमान सरल आवर्ती गति करता है। कमानी का बल नियतांक $200$ न्यूटन/मी है। आवर्त गति का न्यूनतम आयाम कितना होना चाहिए, जिससे ऊपर रखी वस्तु पलड़े से अलग हो जाये? (मान लो $g =10$ मी/से $^{2})$
अभ्यास में, मान लीजिए जब कमानी अतानित अवस्था में है तब पिण्ड की स्थिति $x=0$ है तथा बाएँ से दाएँ की दिशा $x-$ अक्ष की धनात्मक दिशा है । दोलन करते पिण्ड के विस्थापन $x$ को समय के फलन के रूप मे दर्शाइए, जबकि विराम घड़ी को आरंभ $(t=0)$ करते समय पिण्ड,
$(a)$ अपनी माध्य स्थिति,
$(b)$ अधिकतम तानित स्थिति, तथा
$(c)$ अधिकतम संपीडन की स्थिति पर है ।
सरल आवर्त गति के लिए ये फलन एक दूसरे से आवृत्ति में, आयाम में अथवा आरंभिक कला में किस रूप में भिन्न हैं ?
एक द्रव्यमान $M$ एक नगण्य द्रव्यमान की स्प्रिंग से लटक रहा है। स्प्रिंग को थोड़ा सा खींच कर छोड़ने पर द्रव्यमान आवर्तकाल $T$ से दोलन करने लगता है यदि द्रव्यमान में वृद्धि $m$ कर दी जाये तो आवर्तकाल $\frac{{5T}}{3}$ हो जाता है। तो $\frac{m}{M}$ का मान है
दो स्प्रिंग जिनके बल नियतांक ${K_1} = 1500\,N/m$ तथा ${K_2} = 3000\,N/m$ है, समान बल से खींची जाती है। तो स्प्रिंगों में संचित स्थितिज ऊर्जाओं का अनुपात होगा