दो आयनों, जिनके द्रव्यमानों का अनुपात $1:1$ एवं आवेशों का अनुपात $II$ $1 : 2$ है, को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रक्षेपित किया जाता है। इनकी चालों का अनुपात $2 : 3$ है। दोनों कणों द्वारा बनाये गये वृत्तीय पथोंं की त्रिज्याओं का अनुपात होगा
$4 : 3$
$2 : 3$
$ 3 : 1$
$1 : 4$
एक इलेक्ट्रॉन पूर्व दिशा में गति कर रहा है। यदि ऊपर की ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाये तो इलेक्ट्रॉन विक्षेपित होगा
$q$ आवेश एवं $m$ द्रव्यमान का एक कण $v$ वेग से गति करता हुआ चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में लम्बवत् प्रवेश करता है, तो उसके द्वारा बनाये गये वृत्ताकार पथ की त्रिज्या होगी
एक आवेशित कण को एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् तल में प्रक्षेपित किया जाता है, इस कण द्वारा बनाया गया क्षेत्रफल निम्न में से किसके समानुपाती होगा
एक आयनित गैस में धनायन व ऋणायन दोनों उपस्थित हैं। यदि इस पर एकसाथ विद्युत क्षेत्र $+ x$ दिशा में व चुम्बकीय क्षेत्र $+ z$ दिशा में आरोपित किये जाये तब
नीचे दिये गए चित्र के अनुसार एक इलेक्ट्रॉन एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र वाले कोष्ठ में प्रवेश करता है। गुरुत्वाकर्षण को नगण्य मानते हुए एक उचित परिमाण का वैद्युत क्षेत्र इस प्रकार से लगाया जाता है कि इलेक्ट्रॉन बिना विचलन के कोष्ठ में चलता है। इलेक्ट्रॉन की चाल अपरिवर्तित रहती है। कोष्ठ में गति के दौरान