किसी एकपरमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल, $27^{\circ} C$ तापमान पर $V$ आयतन घेरते है। गैस का आयतन रूद्वोष्म प्रक्रम द्वारा फैल कर $2\, V$ हो जाता है। गैस के $(A)$ अंतिम तापमान का मान एवं $(B)$ उसकी आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन का मान होगा

  • [JEE MAIN 2018]
  • A

    $(a)$ $195 $ $K$       $(b)$ $-2.7$ $kJ$

  • B

    $(a)$ $189$ $K$       $(b)$ $-2.7$ $kJ$

  • C

    $(a)$ $195$ $K$      $(b)$ $2.7$ $kJ$

  • D

    $(a)$ $189$ $ K$       $(b)$ $2.7$ $kJ$

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माना एक मोल हीलियम गैस एक पात्र में प्रारम्भिक दाब $P _1$ व आयतन $V _1$ पर परिबद्ध है। यह समतापीय रूप से आयतन $4 V _1$ तक प्रसारित होती है। इसके बाद यह रुद्धोष्म रूप से प्रसारित होती है तथा इसका आयतन $32 V _1$ हो जाता है।

समतापीय तथा रुद्धोष्म प्रसार प्रक्रमों के दौरान गैस द्वारा किया गया कार्य  $W_{\text {iso }}$ तथा $W_{\text {adia, }}$ है। यदि अनुपात $\frac{ W _{\text {iso }}}{ W _{\text {adia }}}$ $= f \ln 2$ है, तब $f$ का मान  . . . . .है।

$=f \ln 2$ है, तब $f$ का मान. . . . .है।

  • [IIT 2020]

रुद्धोष्म परिवर्तन हेतु एक परमाण्विक गैस के लिये दाब तथा ताप में सम्बन्ध $P \propto T^c$ है। यहाँ $c$ का मान होगा

  • [AIIMS 2007]

एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से  ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश:  ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है

  • [IIT 2000]

किसी निकाय द्वारा किया गया कार्य इसकी आन्तरिक ऊर्जा में कमी के बराबर है। निकाय के परिवर्तन का प्रकार है

द्वि-परमाणविक गैस $(\gamma = 7/5)$ का दाब और घनत्व रुद्धोष्म तरीके से $(P, d)$ से $(P', d')$ किया जाता है। यदि d$\frac{{d'}}{d} = 32$  है, तो  $\frac{{P'}}{P}$ होना चाहिये