दो रेडियोएक्टिव पदार्थो $X$ और $Y$ में मूलतः क्रमशः $N _{1}$ और $N _{2}$ नाभिक है। $X$ की अर्धायु $Y$ की अर्धायु की आधी है। $Y$ की तीन अर्धायुओं के पश्चात्, दोनों में नाभिकों की संख्या समान हो जाती है। $\frac{ N _{1}}{ N _{2}}$ का अनुपात होगा।
$\frac{1}{8}$
$\frac{3}{1}$
$\frac{8}{1}$
$\frac{1}{3}$
रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध-आयु निर्भर करती है
एक रेडियोएक्टिव पदार्थ की एक्टिविटि $R _{1}$ समय $t _{1}$ पर है तथा $R _{2}$ समय $t _{2}$ पर है। यदि विघटन नियतांक $\lambda$ हो तो
किसी रेडियोएक्टिव नाभिक की अर्ध-आयु $50$ दिन है तो, इसके $\frac{2}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{2}$ तथा $\frac{1}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{1}$ का समय अन्तराल $\left(t_{2}-t_{1}\right)$ ........... दिन होगा:
एक रेडियोधर्मी प्रतिदर्श की किसी क्षण विखण्डन दर $5000$ विखण्डन/मिनट है। $5$ मिनट बाद यह दर $1250$ विखण्डन प्रतिमिनट हो तो क्षय नियतांक (प्रति मिनट) है
दो रेडियोधर्मी पदार्थो ${X_1}$ तथा ${X_2}$ के क्षय नियतांक क्रमश: $10\lambda $ तथा $\lambda $ हैं। यदि प्रारम्भ में उनमें समान संख्या में नाभिक हों तो $\frac{1}{e}$ समय पश्चात् ${X_1}$ तथा ${X_2}$ में उपस्थित नाभिकों का अनुपात होगा