दो रेडियोएक्टिव पदार्थो $X$ और $Y$ में मूलतः क्रमशः $N _{1}$ और $N _{2}$ नाभिक है। $X$ की अर्धायु $Y$ की अर्धायु की आधी है। $Y$ की तीन अर्धायुओं के पश्चात्, दोनों में नाभिकों की संख्या समान हो जाती है। $\frac{ N _{1}}{ N _{2}}$ का अनुपात होगा।
$\frac{1}{8}$
$\frac{3}{1}$
$\frac{8}{1}$
$\frac{1}{3}$
दो रेडियोधर्मीं तत्व $A$ तथा $B$ की अर्द्धआयु क्रमशः $20 \, min$ तथा $40\, min$ हैं। प्रारंभ में दोनों के नमूनों में नाभिकों की संख्या बराबर है। $80 \,min$ के उपरांत $A$ तथा $B$ के क्षय हुए नाभिकों की संख्या का अनुपात होंगा:
किसी रेडियोधर्मी पदार्थ की औसत आयु $5$ घण्टे है। $5$ घण्टे में
एक रेडियोसक्रिय तत्व के तात्क्षणिक सान्द्रण $(N)$ एवं समय $(t)$ के बीच सही ग्राफ है
अर्द्धआयु काल मापा जाता है
निश्चित मात्रा के रेडियोसक्रिय तत्व के विघटन की दर को बढ़ाया जा सकता है