क्रमश: $m_{1}$ तथा $m_{2}$ द्रव्यमान के दो गोले $A$ तथा $B$ आपस में टकरातें हैं, प्रारंभ में $A$ विराम अवस्था में है और $B$ वेग $v$ से $x -$ अक्ष के अनुदिश गतिमान है। टक्क्र के पश्चात् $B$ का वेग उसके प्रारंभिक वेग की लम्बवत दिशा में $\frac{v}{2}$ हो जाता है तो, टक्कर के पश्चात् गोला $A$ की गति की दिशा होगी
वही जो $B$ की है
$B$ की दिशा के विपरीत
$x$ -अक्ष से कोण $\theta=\tan ^{-1}(1 / 2)$ पर
$x$ -अक्ष से कोण $\theta=\tan ^{-1}(-1 / 2)$ पर
$5 \,kg$ द्रव्यमान का एक स्थिर पिण्ड विस्फोटित होकर तीन भागों में टूट जाता है, जिनके द्रव्यमानों का अनुपात $1 : 1 : 3$ है। बराबर द्रव्यमान के भाग परस्पर लम्बवत् दिशा में $21 \,m/s$ के वेग से गति करते हैं, तो सबसे भारी भाग का वेग होगा
$9\, m / s$ की चाल से गतिमान कोई गेंद विराम में स्थित किसी अन्य सर्वसम गेंद से संघट्ट करती है। संघट्टन के पश्चात् प्रत्येक गेंद की दिशा अपनी मूल दिशा से $30^{\circ}$ का कोण बनाती है। संघट्ट के पश्चात् गेंदों के वेगों का अनुपात $x : y$ हैं। जहाँ $x\,.....$ है।
विस्फोट होने के पश्चात् एक वस्तु दो असमान द्रव्यमानों के टुकड़ों मे टूट जाती है। तब
विस्फोट होने से एक शिला तीन टुकड़ों में फट जाती है। इनमें से दो टुकड़े परस्पर लम्बव्त दिशाओं में जाते हैं। ये दोनों हैं, $12$ मी/से वेग से चलता हुआ $1$ किग्रा का पहला टुकड़ा तथा $8$ मी/से वेग से चलता हुआ $2$ किग्रा. का दूसरा टुकड़ा। यदि तीसरा टुकड़ा $4$ मी./से. वेग से चला हो, तो उसका द्रव्यमान.........$kg$ होगा
$M$ द्रव्यमान का एक पिंड $1: 1: 2$ के अनुपात में तीन भागों में विस्फोटित होता है। दो छोटे भाग एक दूसरे के लम्बवत् क्रमश: $30\,ms ^{-1}$ एवं $40\,ms ^{-1}$ वेग से उड़ते है। तीसरे भाग का वेग $..........\,ms ^{-1}$ होगा।