स्टील के दो एकसमान तार $A$ तथा $B$ को समान तनाव पर कम्पित किया जाता है। यदि $A$ का प्रथम अधिस्वरक, $B$ के द्वितीय अधिस्वरक के बराबर हो तथा यदि $A$ की त्रिज्या $B$ की दो गुनी हो तो तारों की लम्बाईयों का अनुपात होगा
$1: 2$
$1:3$
$1:4$
$1:6$
$10$ मीटर लम्बी डोरी में अप्रगामी तरंगों का निर्माण होता है तथा डोरी $5$ लूपों में कम्पन करती हैं। यदि तरंग वेग $20$ मी/सैकण्ड हो तो आवृत्ति .... हर्ट्ज $(Hz)$ होगी
यदि किसी रस्सी को तीन खंडों में विभाजित करने पर उन खंडों की मूल आवृत्तियां क्रमश: $n _{1},n _{2}$ तथा $n _{3}$ हों, तो इस रस्सी की प्रारम्भिक मूल आवृति $n$ के लिए सम्बन्ध होगा
मेल्डी के प्रयोग में यदि तार के एक सिरे से जुडे़ $15\, gm$ पलड़े पर $50\, gm$ भार रखा हो तो तार $4$ लूपों में कम्पन करता है। तार को $6$ लूपों में कम्पन कराने के लिये पलड़े से कितना भार हटाना होगा
मेल्डी के प्रयोग में अनुप्रस्थ विधा में स्वरित्र की आवृत्ति और डोरी में उत्पन्न तरंग की आवृत्ति का अनुपात होगा
दी गई लम्बाई की किसी तनी हुयी डोरी का प्रथम अधिस्वरक $320Hz$ है इसका प्रथम संनादी होगा .... $Hz$