जब 0∘C के 0.15kg हिम को किसी पात्र में भरे 50∘C के 0.30kg जल में मिलाया जाता है तो मिश्रण का परिणामी ताप 6.7∘C हो जाता है। हिम के संगलन की ऊष्मा परिकलित कीजिए। (swater =4186Jkg−1K−1 ).
Heat lost by water =msw(θf−θ1)w
=(0.30kg)(4186Jkg−1K−1)(50.0∘C−6.7∘C)
=54376.14J
Heat required to melt 1ce=m2Lf=(0.15kg)Lr
Heat required to raise temperature of 1ce water to final temperature =m1sw(θ1−θ1)1 =(0.15kg)(4186Jkg−1K−1)(6.7∘C−0∘C)
=4206.93J
Heat lost = heat gained 54376.14J=(0.15kg)Lf+4206.93J
L1=3.34×105Jkg−1
30°C वाले 80gm जल को एक 0°C वाले बड़े बर्फ के गुटके पर डाला जाता है। बर्फ की पिघली हुई मात्रा ....... gm होगी
किसी प्रयोग में किसी ऊष्मक (हीटर) द्वारा एकसमान दर पर ऊष्मा देने पर, एक पात्र में रखे जल का ताप 0∘C से 100∘C तक बढ़ाने के लिये 10 मिनट का समय लगता है। इसी द्रव को पूर्णतः वाष्प में रूपान्तरित करने में 55 मिनट और लगते हैं। पात्र की विशिष्ट ऊष्मा को नगण्य तथा जल की विशिष्ट ऊष्मा को 1cal/g∘C लेते हुए, इस प्रयोग के अनुसार वाष्पन की ऊष्मा का मान होगा :
0°C पर स्थित 50gm बर्फ एक कुचालक पात्र में रखी है। इसमें 100°C वाले 50gm जल को मिलाया जाता है। तब मिश्रण का अन्तिम ताप होगा (ऊष्मा क्षय नगण्य है)
25°C पर स्थित 300gm जल को 0°C पर स्थित 100gm बर्फ में मिलाया जाता है। मिश्रण का अन्तिम ताप........ oC होगा
एक बीकर में 200gm पानी है। बीकर की ऊष्माधारिता का मान 20gm पानी के बराबर है। बीकर में स्थित पानी का प्रारम्भिक ताप 20°C है। यदि 92°C पर 440gm पानी को इसमें मिलाया जाता है तो अंतिम ताप (विकिरण क्षय को नगण्य मानकर) का लगभग मान ........ oC होगा