दो बलों ${F_1}$ व ${F_2}$ का सदिश योग ${F_3}$ के तुल्य है, इसका चित्रण निम्न में किस चित्र में किया गया है
दो सदिशों $\overrightarrow{ A }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के परिमाण समान है। $(\overrightarrow{ A }+\overrightarrow{ B })$ का परिमाण $(\overrightarrow{ A }-\overrightarrow{ B })$ के परिमाण का $n$ गुना है। $\overrightarrow{ A }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के मध्य कोण है।
यदि एक कण बिन्दु $P (2,3,5)$ से बिन्दु $Q (3,4,5) $ तक गति करता है, तो इसका विस्थापन सदिश होगा
दो एक समान बल (प्रत्येक $P$) किसी बिन्दु पर परस्पर $120^°$ के कोण पर लगाये जाते हैं। उनके परिणामी बल का परिमाण है
दो बलों का सदिश योग उनके सदिश अंतर के लम्बवत् है। इस स्थिति में बल
समान परिमाण के तीन संगामी बल परस्पर साम्यावस्था में है। इन बलों के बीच के कोण क्या होंगे तथा बलों को भुजा के रुप में प्रदर्शित करने पर बनने वाले त्रिभुज का नाम क्या होगा