द्रव्यमान $M$ तथा आवेश $q$ का एक पिण्ड एक स्प्रिंग नियतांक $k$ की स्प्रिंग से जुड़ा है। यह पिण्ड $x-$ दिशा में अपनी साम्यावस्था $x=0$ के सापेक्ष आयाम $A$ से दोलन कर रहा है। $x-$ दिशा में एक विघुत क्षेत्र $E$ लगाया जाता है। निम्न कथनों में कौन सा कथन सत्य है ?
इस निकाय की कुल ऊर्जा $\frac{1}{2} m \omega^{2} A^{2}+\frac{1}{2} \frac{q^{2} E^{2}}{k}$ होगी।
नयी साम्यावस्था की स्थिति $x =0$ से $\frac{2 q E}{k}$ दूरी पर होगी।
नयी साम्यावस्था की स्थिति $x=0$ से $\frac{q E}{2 k}$ दूरी पर होगी।
इस निकाय की कुल ऊर्जा $\frac{1}{2} m \omega^{2} A^{2}-\frac{1}{2} \frac{q^{2} E^{2}}{k}$ होगी
किसी विद्युत क्षेत्र में संतुलन की अवस्था में इलेक्ट्रॉन के द्वारा अनुभव किया गया विद्युतीय बल उसके भार के तुल्य है, विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी
दो बिन्दु आवेश $-q$ एवं $+q/2$ क्रमश: मूल बिन्दु एवं बिन्दु $(a, 0, 0)$ पर रखे हैं। $X$ - अक्ष पर किस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र शून्य होगा
आरेक्ष में दर्शाए गए अनुसार बिन्दु $O$ पर विधुत क्षेत्र का परिमाण क्या होगा ? आरेख की प्रत्येक भुजा की लम्बाई $l$ है तथा प्रत्येक भुजा एक-दूसरे के लम्बवत् है।
किसी $0.1\,m$ त्रिज्या के गोलीय चालक के पृष्ठ पर $0.036\, N/C$ का विद्युत क्षेत्र उत्पन करने के लिए इस पर रखे गये इलेक्ट्रोनों की संख्या है
एक समषट्भुज के शीर्षों पर चित्रानुसार आवेश रखे गये हैं। इनमें से किस स्थिति में केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र अशून्य है