दो आवेश $q$ व $3 q$ वायु में ' $r$ ' दूरी पर स्थित है। $\mathrm{q}$ आवेश से $\mathrm{x}$ दूरी पर परिणामी वैद्युत क्षेत्र शून्य है। $\mathrm{x}$ का मान है
$\frac{(1+\sqrt{3})}{r}$
$\frac{\mathrm{r}}{3(1+\sqrt{3})}$
$\frac{r}{(1+\sqrt{3})}$
$r(1+\sqrt{3})$
एक पेण्डुलम के गोलक का द्रव्यमान $30.7 \times {10^{ - 6}}\,kg$ है। एवं इस पर आवेश $2 \times {10^{ - 8}}\,C$ है। यह पेण्डुलम $20000\, V/m$ के एकसमान विद्युत क्षेत्र में संतुलन में है। पेण्डुलम के धागे में तनाव होगा $(g = 9.8\,m/{s^2})$
एक पतली डिस्क ( चक्रिका) की त्रिज्या $' b'$ है। इसमें बने एक संकेन्द्री छिद्र (छेद) की त्रिज्या $' a '$ है। $( b =2 a )$ । डिस्क पर एकसमान पृष्ठ आवेश $\sigma$ है। यदि इसकी अक्ष पर तथा इसके केन्द्र से $' h '$ ऊँचाई पर, $( h << a )$, विद्युत क्षेत्र $' Ch '$ हो तो, $' C '$ का मान है :
दो बिन्दु आवेश $( + Q)$ तथा $( - 2Q)$ $X-$अक्ष पर मूल बिन्दु से क्रमश: $a$ तथा $2a$ स्थितियों पर स्थिर हैं। अक्ष पर किस स्थिति में परिणामी विद्युत क्षेत्र शून्य होगा
दो आवेश $ + 5\,\mu C$ तथा $ + 10\,\mu C$ एक दूसरे से $20\, cm$ दूर रखे हैं। इन आवेशों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर कुल विद्युत क्षेत्र है
किसी सपाट वृत्तीय चकती पर आवेश $ + Q$ एकसमान वितरित है। आवेश$ + q$ को $E$ गतिज ऊर्जा से चकती की ओर, इसके लम्बवत् अक्ष के अनुदिश फेंका जाता है। आवेश $q$