चुंबकीय द्विध्रुव के कारण इसके केन्द्र से $20 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर इसकी अक्ष पर स्थित बिन्दु पर चुंबकीय विभव $1.5 \times 10^{-5} \mathrm{Tm}$ है। द्विध्रुव का चुंबकीय आघूर्ण. . . . . . . $\mathrm{Am}^2$ है।
(दिया है: $\frac{\mu_0}{4 \pi}=10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ )
$6$
$5$
$4$
$12$
एक चुम्बक की प्रभावकारी लम्बाई $ 31.4 \,cm$ है एवं इसकी ध्रुव सामथ्र्य $0.5 \,Am $ है। यदि इसे अर्द्धवृत्त के रूप में मोड़ दिया जाये तो नया चुम्बकीय आघूर्ण ....$A{m^2}$ होगा
चुम्बकीय क्षेत्र $B$ की बल रेखाओं से सम्बन्धित असत्य कथन है
एक स्थायी चुम्बक
एक छड़ चुम्बक की चुम्बकीय बल रेखायें होती हैं
किसी छोटे छड़ चुंबक का चुंबकीय आधूर्ण $0.48 \,JT ^{-1}$ है। चुंबक के केंद्र से $10 \,cm$ की दूरी पर स्थित किसी बिंदु पर इसके चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा बताइए यदि यह बिंदु $(i)$ चुंबक के अक्ष पर स्थित हो $(ii)$ चुंबक के अभिलंब समद्विभाजक पर स्थित हो।